क्या सम्मेद शिखर जी पर फैसला वापस लेंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, गहलोत ने दिए बड़े संकेत

झारखंड:   झारखंड में जैन समाज के तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के फैसले को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है. देशभर में जैन समाज के भारी आक्रोश को देखते हुए हेमंत सोरेन सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैन समाज के तीर्थस्थल श्री सम्मेद शिखर जी के बारे में जैन समाज की मांग को लेकर  झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात की और उन्हें मसले की गंभीरता से अवगत कराया.  

समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रात ट्वीट कर कहा कि हेमंत सोरेन ने इस मसले का जल्द सकारात्मक हल निकालने का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को लेकर जैन समाज की मांग के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई. सोरेन ने यकीन दिलाया है कि वह भी चाहते हैं कि इस मसले का जल्द से जल्द सकारात्मक हल निकाला जाए.

यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई है जब जैन समाज के लोग श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ देशभर में आंदोलन कर रहे हैं. इसी आंदोलन के तहत उपवास व्रत कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज (72) का  जयपुर में निधन हो गया था. सुज्ञेयसागर महाराज के निधन ने पूरे जैन समाज को उद्वेलित कर दिया है.  

इस बीच अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान को जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि उन्हें सम्मेद शिखर को लेकर आंदोलन की जानकारी नहीं है, जानकारी लेकर ही वह कुछ कह पाएंगे. बिट्टू ने मुख्यमंत्री के इस बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि सकल जैन समाज उनके इस बयान की निंदा करता है.  

समाचार एजेंसी वार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, बिट्टू ने कहा कि बीते डेढ़-दो महीनों से पूरे देश का जैन समाज सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आमरण अनशन हो रहे हैं. राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिगम्बर जैन मुनि सुज्ञेय सागर महाराज ने नौ दिनों तक आमरण अनशन कर अपने प्राणों का बलिदान दे दिया. इसके बाद अब उन्हीं के संघ के दूसरे मुनि समर्थ सागर महाराज ने अनशन शुरू कर दिया है. उसके बावजूद मुख्यमंत्री गैरजिम्मेदाराना बयान दे कर समाज की भावनाओ को आहत कर रहे हैं.  

Web Title : WILL CHIEF MINISTER HEMANT SOREN WITHDRAW HIS DECISION ON SUMMIT?

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