ओम मोबाईल में जीएसटी टीम की दबिश, खंगाल रही दस्तावेज,अविनाश और रेणुका मोबाईल संचालक ने सरेंडर किये 2 लाख 90 हजार रूपये

बालाघाट. जहां गत दिवस वाणिज्यिकर आयुक्त इंदौर और संयुक्त आयुक्त छिंदवाड़ा के निर्देशन में शहर के दो मोबाईल शॉप मेनरोड स्थित अविनाश मोबाईल शॉप और प्रेमनगर स्थित रेणुका मोबाईल शॉप में दबिश देकर जीएसटी के अधिन धारा 67 के अंतर्गत जांच की तो आईटीसी टेक्स क्लेम में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई थी. वहीं 17 अगस्त को शहर के मेनरोड स्थित ओम मोबाईल में भी जीएसटी की टीम ने दबिश देकर कागजी दस्तावेज खंगाले. हालांकि जीएसटी टीम दिन से लेकर शाम तक जांच में जुटी रही. हालांकि ओम मोबाईल से जीएसटी टीम को जांच में क्या मिला है, यह टीम ने नहीं बताया है, एसटीओ डी. एल. पटले का कहना है कि अभी जांच जारी है और पूरी जांच के बाद ही जानकारी दी जायेगी.

अविनाश और रेणुका मोबाईल ने सरेंडर किये 2 लाख 90 हजार रूपये

गत 16 अगस्त को जीएसटी टीम द्वारा मेनरोड स्थित अविनाश मोबाईल ओर प्रेमनगर स्थित रेणुका मोबाईल में दबिश देकर जीएसटी से संबंधित आईटीसी क्लेम का फर्जीवाड़ा पकड़ा था. जीएसटी अधिकारी द्वारा बताया गया था कि मोबाईल शॉप संचालक द्वारा पात्रता नहीं होने के बावजूद आईटीसी क्लेम किया गया था. जिसमें अविनाश मोबाईल से लगभग 6 लाख रूपये के फर्जी क्लेम की बात सामने आई थी. जबकि रेणुका मोबाईल शॉप में शाम तक कागजी दस्तावेज शॉप संचालक श्रीकांत गचके द्वारा दस्तावेज पेश नहीं करने के कारण शॉप को सील कर दिया गया. जहां 17 अगस्त को भी जांच की गई. इस दौरान पकड़ाये गये टैक्स चोरी में अविनाश मोबाईल शॉप और रेणुका मोबाईल शॉप द्वारा लगभग 2 लाख 90 हजार रूपये सरेंडर किये गये है. मिली जानकारी अनुसार अविनाश मोबाईल संचालक विनोद सत्तानी द्वारा एक लाख 90 हजार रूपये और रेणुका मोबाईल संचालक श्रीकांत गचके द्वारा एक लाख 30 हजार रूपये सरेंडर किये गये है.  

सायबर फर्जीवाड़े से जुड़ रहे तार, अधिकारी ने किया इंकार

गौरतलब हो कि विगत माह में बालाघाट पुलिस द्वारा 20 करोड़ रूपये के सायबर फ्राड का पर्दाफाश कर ऑनलाईन फ्राड से ऑनलाईन मंगाये गये मोबाईल को चोरी छिपे लेकर उसका अवैध व्यापार करने वाले जिले के मोबाईल शॉप संचालकों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद मोबाईल दुकानदार, जेल भी गये. हालांकि जानकारी अनुसार वर्तमान में वह जमानत पर बाहर है, इस दौरान पुलिस ने कहा था कि यह मामला न केवल आयकर विभाग बल्कि जीएसटी विभाग को भी सौंपा जायेगा. पुलिस कार्यवाही के बाद जीएसटी की मोबाईल शॉप में की जा रही कार्यवाही सायबर फर्जीवाड़े से जोड़कर देखी जा रही है, हालांकि जीएसटी टीम में शामिल कार्यवाही कर रहे अधिकारी, इससे इंकार कर रहे है. उनका कहना है कि यह जांच केवल जीएसटी विभाग से संबंधित जांच है, जिसका फर्जीवाड़े मामले से कोई संबंध नहीं है.

अब किसका नंबर

लगातार दो दिनों से शहर मुख्यालय में एक के बाद एक तीन दुकानों में जीएसटी की कार्यवाही से मोबाईल शॉप संचालकों में हड़कंप का माहौल है, ऐसे में अगला नंबर किसका है, यह एक बड़ा सवाल मोबाईल व्यापारियों के दिमाग में कौंध रहा है. बताया जाता है कि जीएसटी की शहर के तीन मोबाईल शॉप में कार्यवाही से कच्चे में मोबाईल और एसेसरिज खरीदकर जीएसटी और अन्य टेक्स चोरी कर व्यापार करने वाले व्यापारियों में घबराहट पैदा हो गई है और वह या तो दुकान से माल को हटा रहे है या फिर वह दस्तावेज को पुख्ता करने में लगे है, क्या पता कि अगला नंबर उन्हीं का हो. कार्यवाही का भय मोबाईल शॉप संचालकों में साफ देखा जा सकता है.


इनका कहना है

शहर के अविनाश ओर रेणुका मोबाईल के बाद ओम मोबाईल में टीम द्वारा दस्तावेजों की जांच की जा रही है, पूरी जांच के बाद ही कुछ बता सकते है. गत दिवस अविनाश और रेणुका मोबाईल में जांच के दौरान आईटीसी के फर्जी क्लेम की जानकारी अविनाश मोबाईल में टीम द्वारा पकड़ी गई थी. जबकि रेणुका मोबाईल द्वारा टीम के सामने पेपर समिट नहीं किये जाने के कारण दुकान का सील कर दिया गया था. जिसकी जांच दूसरे दिन भी की गई. जीएसटी टेक्स चोरी मामले में अविनाश मोबाईल ने एक लाख 60 हजार रूपये और रेणुका मोबाईल ने एक लाख 30 हजार रूपये सरेंडर किये है. जांच अभी भी जारी है, फायनल होने के बाद जो कार्यवाही नियमानुसार होगी, वह की जायेगी.

डी. एल. पटले, एसटीओ, जीएसटी, विभाग


Web Title : 2 LAKH 90 THOUSAND RUPEES SURRENDERED BY AVINASH AND RENUKA MOBILE OPERATORS