कलेक्टर की तत्परता से 03 माह के बालक अतीक्ष को मिली नई जिंदगी की उम्मीद, कलेक्टर के निर्देश पर सीएचएमओ ने की व्यवस्था

बालाघाट. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्म से 18 साल तक के बच्चों का निःशुल्क उपचार कराया जाता है. इसी के अंतर्गत 01 सप्ताह पूर्व रेंगाटोला निवासी दीपक बिसेन अपने 3 माह के अतीक्ष बिसेन डीईआईसी जिला चिकित्सालय बालाघाट में अपने बच्चे के उपचार के लिए आया जहां पर पता चला कि उसके बच्चे को हृदय रोग की समस्या हैं. बच्चे के उपचार के लिए उनको जिला चिकित्सालय बालाघाट केपी आईसीयू में भर्ती कराया गया. जहां पर उनका उपचार शिशु रोग विशेषज्ञ के द्वारा किया जा रहा था, किंतु बच्चे की स्थिति बिगड़ने के कारण उनको मेडिकल कॉलेज जबलपुर भेजा गया. वहां पर बच्चा 01 सप्ताह तक उपचारत था. उसके बाद पुनः बच्चे को टॉप आईसीआर हृदय रोग ऑपरेशन के लिए पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट के द्वारा मुंबई रेफर किया गया किंतु बच्चे को बिना ऑक्सीजन के 1 मिनट भी नहीं रखा जा सकता था. ऐसी स्थिति में बच्चे को पुनः बालाघाट जिला चिकित्सालय भेज दिया गया. यहां पर उन्होंने अपनी बच्चे को भर्ती कराया और जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक  आरबीएसके राजाराम चक्रवर्ती से संपर्क किया. उनके द्वारा यह मामला तत्काल डॉ. मनोज पांडे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि बच्चे को उपचार के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है और उसके लिए उसको ऑक्सीजन सहित एंबुलेंस से बालाघाट से मुंबई भिजवाया जाना है.  

सीएचएमओ डॉ. मनोज पांडे द्वारा तत्परता दिखाते हुए तुरंत जिले के कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा को टेलीफोन किया गया और बताया गया कि बच्चें के माता पिता दोनो मजदूरी करते हैं उनके पास मुंबई जाने के लिऐ आर्थिक समस्या है. कलेक्टर बालाघाट द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुऐ सीएमएचओ पांडे को निर्देशित किया की आप बच्चें को प्राइवेट एंबुलेंस रेडक्रॉस सहायता निधि से स्वीकृत करे और तत्काल भिजवाएं. सीएमएचओ के द्वारा तुरंत 30 हजार रुपये की राशि रेड क्रॉस सोसायटी से स्वीकृत करते हुए बालाघाट से मुंबई आज शाम 6 बजे बच्ची को ऑक्सीजन वाली एंबुलेंस से रवाना किया गया.  

परिजनों के चेहरे पर खुशी देखते बन रही है कि जिले के कलेक्टर जो बच्चों के उपचार के लिए इतने संवेदनशील है जिन्होंने तत्परता दिखाते हुए एक बच्ची की जान बचाने के लिए तुरंत व्यवस्था कराई. बच्चे का उपचार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत निःशुल्क कराया जायेगा, इसके लिए जिला स्तर की संपूर्ण प्रक्रिया कर ली गई और बच्चें को उपचार के लिय भेज दिया गया है. इस बच्चे को मुंबई के नारायणा हृदयालय एनएचएसआरसीसी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल भिजवाया गया है.


Web Title : 3 MONTH OLD CHILD ATHYKSHA GETS HOPE FOR A NEW LIFE DUE TO COLLECTORS PROMPTNESS, CHMO ARRANGES ON COLLECTORS INSTRUCTIONS