मंत्री के गृहग्राम के नाले में बालक की मौत का पता करने किया जायेगा डायटेम टेस्ट

बालाघाट. विगत 12 फरवरी की सुबह आंगनबाड़ी आने के बाद एकाएक लापता 5 वर्षीय मासुम बालक राजवीर पिता विनोद लिल्हारे का शव दो दिन बाद 14 फरवरी को आंगनबाड़ी और मंत्री के मकान से महज 5 सौ मीटर दूर एक नाले में मिला है, जहां उसे अंतिम बार खेलते देखा गया था. चूंकि नाले में डाउन की जगह अप वाले स्थान पर मिले बालक के शव के बाद से उसकी मौत पर सवाल खड़े होने लगे है. विपक्षी जनप्रतिनिधियों ने भी बालक की मौत की जांच को लेकर मांग उठाई है. जिसके बाद पुलिस बालक की मौत को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के पहले, उसकी मौत की जांच हर तरह से कराकर संतुष्ट हो जाना चाहती है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार बालाघाट में बालक की पीएम रिपोर्ट में कुछ ऐसा खास नहीं है, जिसके बाद पुलिस अब बालक की मौत की वास्तविक मौत की जांच के लिए उसका डायटम टेस्ट करा रही है, ताकि बालक की मौत की वास्तविकता का पता लगाया जा सकें.  

सूत्रों की मानें तो बालक के बरामद बिसरा को पुलिस ने डायटम टेस्ट के लिए भिजवा दिया है. आगामी एक पखवाड़े के भीतर उसकी रिपोर्ट भी पुलिस को मिल जायेगी. पुलिस ने चर्चा में भी यह बात प्रेस से कही है.  

गौरतलब हो कि आयुष मंत्री के गृहग्राम बघोली निवासी विनोद लिल्हारे का 5 वर्षीय मासुम पुत्र राजवीर आंगनबाड़ी से एकाएक लापता हो गया था. जिसके लगातार परिजनों, पुलिस और ग्रामीणों द्वारा दो दिनों तक खोजबीन किये जाने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला था. जिसके बाद 14 फरवरी को खेल मैदान के पास से होकर गुजरने वाले नाला में उसका शव मिला था. चूंकि मामला आयुष मंत्री के गृहग्राम के होने के कारण, विपक्ष ने इस मामले को उठाकर मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की हैं. जिसके बाद से पुलिस भी बालक की मौत की जांच को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है और बालक की मौत की वास्तविकता जानने के लिए पुलिस हरसंभव, उसकी जांच कराने में जुट गई है. इसी कड़ी में बालक के बरामद बिसरा को डायटम टेस्ट के लिए सागर भेजा गया है. जहां से अब पुलिस रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है.

मशहुर एंटीलिया केस में व्यापारी मनसुख हिरेन के मौत मामले में किया गया था डायटम टेस्ट

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश के मशहुर मुंबई का एंटीलिया केस. जिसमें मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के बाहर स्कॉर्पियो कार में विस्फोटक मामले के सामने आने के बाद ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की लाश बरामद हुई. लाश की फरेंसिक जांच हुई और फरेंसिक जांच में डायटम टेस्ट किया गया था. जिसके बाद कहा जा रहा है कि मनसुख हिरेन जिस समय डूबे, उस समय वह जिंदा थे. कहा जाता है कि इस टेस्ट के नतीजे के आधार पर ये संभावना जताई जा रही है.  

डायटम क्या होता है? 

पहले समझें कि डायटम होता क्या है. डायटम मतलब एक शैवाल. शैवाल, बारिश होती है तो दीवारों और जमीनों पर हरे रंग की काई जम जाती है. जहां-जहां नमी होती है. वहां. वही शैवाल होता है. ये पेड़ों और पौधों की तरह सूर्य की रोशनी से खाना और ऑक्सीजन बनाते हैं. इनकी ही वजह से पानी के भीतर भी ऑक्सीजन मौजूद रहती है. डायटम ऐसे ही नन्हें, बहुत नन्हें शैवाल ही हैं. अब मान लीजिए किसी व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई. उस व्यक्ति के शरीर के कई हिस्सों में ये डायटम मिलेंगे और डायटम फारेंसिक टेस्ट में इन्हीं की जांच की जाती है.

एक रिसर्च के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति के अंदर डूबते समय जान होती है, तो वो व्यक्ति पानी के अंदर सांस लेने की कोशिश करता है. अगर बाकायदे सांस नहीं आयी, तो वो व्यक्ति ना चाहते हुए भी बहुत सारा पानी पी जाता है. ऐसे में ये डायटम पेट के कुछ हिस्से में तो मिलेंगे ही, साथ ही फेफड़ों में भी मिल सकते हैं. अब डूबते समय व्यक्ति का जो शरीर है, वो ऑटोमैटिक तरीके, से पानी को खांसकर निकालने की कोशिश करता है. ऐसे में फेफड़े की दीवारों में दरार आ जाती है और ऐसे में ये डायटम फेफड़े से निकलकर खून में मिल जाते हैं, और शरीर के दूसरे हिस्से तक पहुंच जाते हैं. कई केसों में ये डायटम अस्थिमज्जा तक पहुंच जाते हैं. यह पानी के साथ-साथ लिवर, किडनी और दिमाग के कई हिस्से तक भी पहुंच जाते हैं.

कैसे होता है डायटम टेस्ट?

व्यक्ति की लाश के कुछ हिस्सों, खासकर अंदरूनी हिस्सों को, पोस्ट्मॉर्टम के वक््त सुरक्षित रख लिया जाता है. इन हिस्सों को फरेंसिक लैब में ले जाया जाता है. वहां इन हिस्सों को खास तरह के एसिड से गलाकर स्पेशल टेक्निक से डायटम निकाला जाता है और शरीर के इन अलग-अलग हिस्सों में डायटम की गिनती की जाती है. अपनी प्रवृत्ति में डायटम बहुत दिनों तक बिना सड़े-गले बचे रहते हैं. ऐसे में डूबने से जल्दी खराब हुई लाशों में भी अच्छी स्थिति में डायटम मिल जाते हैं. कुछ रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि जिन केसों में लाशें गलकर बिल्कुल खत्म हो चुकी होती हैं और सिर्फ हड्डियां बची होती हैं. उनमें भी हड्डी के बीच में मौजूद बोन मैरो से डायटम टेस्ट किया जा सकता है.  

रिजल्ट कैसे निकलता है?

शरीर के अलग-अलग हिस्सों में डायटम की मात्रा का आकलन किया जाता है. एक निश्चित संख्या या उससे ज्यादा मात्रा में डायटम मिले, तो ये माना जा सकता है कि व्यक्ति की मौत डूबने से हुई है. कोई व्यक्ति डूबने से मरा है, तो जाहिर है कि शरीर में ज्यादा मात्रा में डायटम मिलेंगे, क्योंकि वो व्यक्ति सांस लेने की कोशिश में बहुत सारा पानी अपने अंदर लेगा. किसी व्यक्ति की लाश को मौत के बाद यदि पानी में फेंका गया है, तो उसके शरीर में तुलनात्मक रूप से कम डायटम मिलेंगे.

डायटम टेस्ट से बालक की मौत की वास्तविकता का चल सकता है पता

पुलिस को विश्वास है कि 14 फरवरी को बघोली में नाले में मिले बालक के शव के बरामद बिसरे के डायटम टेस्ट से उसकी मौत के बारे में वास्तविकता का पता चल सकता है. जिसके चलते पुलिस अब बालक की मौत की वास्तविकता जानने के लिए उसका डायटम टेस्ट करवा रही है. हालांकि पुलिस ने अधिकारिक रूप से यह नहीं कहा है लेकिन अनौपचारिक चर्चा में बालक की मौत की जानकारी के लिए डायटम टेस्ट की बात स्वीकार की है.


Web Title : A DIATOM TEST WILL BE CONDUCTED TO FIND OUT THE DEATH OF THE CHILD IN THE DRAIN OF THE MINISTERS HOMETOWN.