जनाक्रोश यात्रा से पूर्व लांजी में निवेशकों ने दिखाया आक्रोश, भाजपा प्रत्याशी कर्राहे ने कसा तंज-कहा सरकार के खिलाफ नहीं विधायक हीना के खिलाफ है जनाक्रोश

बालाघाट. प्रदेश में राजनीति दल, यात्रा के भरोसे सियासी जमीन तैयार करने में जुटे है, जहां भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा निकाली तो कांग्रेस जनाक्रोश यात्रा निकाल रही है. इन यात्राओ पर कहीं ना कहीं स्थानीय मुद्दो के कारण संकट के बादल भी मंडराते रहते है. विगत दिनों बालाघाट पहुंची जन आशीर्वाद यात्रा 5 में से केवल 3 विधानसभा से ही भाजपाईयों के आक्रोश के कारण बिना दो विधानसभा में जाये, वापस लौट गई. तो कांग्रेस की जनाक्रोश यात्रा के 27 सितंबर को लांजी में प्रवेश से पूर्व डबल मनी के निवेशकों ने आक्रोश जाहिर किया.

निवेशको के बंद के आह्रवान पर लांजी मुख्यालय में स्व-स्फूर्त होकर लोगों ने बंद का समर्थन किया.  

डबल मनी के निवेशकों का कहना है कि हम हर उस जनप्रतिनिधि का विरोध करेंगे, जिनसे हमारी तकलीफ में हमें साथ नहीं दिया. जिसमें वह विधायक हीना कावरे और पूर्व विधायक रमेश भटेरे की जवाबदेही को इसका कारण बता रहे है.  

निवेशकों का कहना है कि क्षेत्र में पहले नोट फिर वोट का नारा बुलंद होगा और किसी भी घर में हम किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा नहीं लगने देंगे. निवेशकों का आरोप है कि  डबल मनी मामले में सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि और प्रशासन जिम्मेदार है.  

गौरतलब हो कि लांजी के बहुचर्चित डबल मनी मामला केवल मध्यप्रदेश से नहीं बल्कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से भी जुड़ा है. एक जानकारी के अनुसार यह 15 सौ करोड़ रूपये का मामला बताया जा रहा है, हालांकि जानकारों का कहना है कि यह इससे कहीं ज्यादा है. इस मामले में मुख्य सरगना वर्तमान में फरार है. वहीं पुलिस ने अब तक इस मामले में नगद और संपत्ति सहित लगभग 25 करोड़ रूपये ही बरामद कर सकी है.  

लांजी क्षेत्र के बहुचर्चित डबल मनी मामले में क्या मजदूर, क्या किसान, क्या व्यापारी, हर कोई परेशान है.

डबल मनी से प्रभावित लांजी क्षेत्र के लोगांे का आक्रोश इस बात को लेकर है कि पूर्व विधायक रमेश भटेरे के गृहग्राम में चल रहे इस अवैध कार्य को शुरूआत में ही क्यों नहीं रोका गया. यदि वह रोक दिया जाता तो जिले में इतनी बड़ी संख्या में लोग अपनी जमापूंजी, निवेश नहीं करते. वहीं दूसरी ओर वर्तमान विधायक हीना कावरे को लेकर यह आरोप है कि यदि उन्होंने यह मामला विधानसभा में उठाया तो इस पर उन्हें सरकार को घेरकर उस पर कार्यवाही करवाना था लेकिन उनके सवाल उठाये जाने के बाद जांच में उसे क्लीनचिट दिये जाने से निवेशकों का विश्वास बढ़ा और लोगों ने जमकर निवेश किया.

निवेशकों का कहना है कि सोमेन्द्र को वापस लाये जायें. जिसके पास रखी राशि और पुलिस द्वारा जब्त की गई राशि को वापस लौटाया जायें.  निवेशकों का कहना है कि लांजी क्षेत्र में हम डबल मनी से पीड़ित लोगो के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने की कड़ी में यह आक्रोश जाहिर किया गया था.  निवेशकों ने कहा कि हम चुनाव में क्षेत्रो में नेताओं को घुसने नहीं देंगे और ना ही उनके बैनर, पोस्टर और झंडे लगने देंगे, जरूरत पड़ी तो चुनाव का बहिष्कार भी करेंगे. लांजी डबल मनी मामले मंे जहां पूर्व विधायक रमेश भटेरे की टिकिट के कटने की बात कही जा रही है, वहीं विधायक हीना कावरे भी क्षेत्र की जनता के निशाने पर आ गई है. भले ही अब तक लोग, खामोश थे लेकिन लांजी में जनाक्रोश यात्रा के पूर्व निवेशकों के आक्रोश की ताकत भी विधायक हीना कावरे के लिए चिंता की घंटी है.  

जबकि भाजपा प्रत्याशी ने डबल मनी मामले को लेकर विधायक हीना कावरे पर तीखा जुबानी हमला किया है. भाजपा प्रत्याशी राजकुमार कर्राहे ने कहा कि लांजी डबल मनी मामले का असर जिले के लगे 5-7 जिलो पर पड़ा है. जिसमें आम जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लगा है. जिसमें विधानसभा में प्रश्न उठाये जाने के बाद विधायक हीना कावरे ने जनता के डबल मनी मामले में फंसे पैसो को निकालने को लेकर कोई हल नहीं निकाला. जिससे साफ है कि क्षेत्रीय विधायक हीना कावरे ने डबल मनी मामले में अपने दायित्वो से मुंह मोड़ लिया है. जिसका जवाब जनता समय आने पर देगी. जनता में सरकार के खिलाफ कोई जनाक्रोश नहीं है बल्कि विधायक हीना कावरे के खिलाफ जनाक्रोश है. जिसका असर 27 सितंबर को लांजी में निवेशकों और व्यापारियो ने दिखाया.


Web Title : BJP CANDIDATE KARRAHE SAYS HE IS NOT AGAINST THE GOVERNMENT, BUT AGAINST MLA HEENA