अडानी मुद्दे की जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से कराये जांच, कांग्रेस ने की मांग, चंद चहेते उद्योगपतियो को बढ़ाने का काम कर रही मोदी सरकार-उइके

बालाघाट. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दुनिया के जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी विवादों में हैं. अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते अडानी प्रकरण को लेकर कांग्रेस सरकार र हमलावर हो गई है. वह सदन से लेकर सड़क अडानी मुद्दे में जेपीसी या फिर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से जांच की मांग कर रही  है.

कांग्रेस का आरोप है कि अडानी समूह में एलआसी ने 36,474 करोड़ और भारतीय बैंकों ने लगभग 80 हजार करोड़ का निवेश किया है. जिससे आम जनता द्वारा जमा की गई राशि पर खतरा पैदा हो गया है. जिसकी जांच कराने से आखिर केंद्र सरकार क्यों कतरा रही है. कांग्रेस का कहना है कि अडानी के खातों में घोटाले सामने आने के बाद कांग्रेस को देश के उन लोगों की चिंता सता रही है, जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई इन दोनों वित्तीय संस्थानों में लगा रखी है. कांग्रेस ने बताया कि 

एसबीआई में 45 करोड़ और एलआईसी में 40 करोड़ लोगों का पैसा लगा है. आज यह पैसा डूबने के कगार पर पहुंच गया है और मोदी सरकार जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच से बच रही है. उन्होंने कहा कि पूरी भाजपा अडानी को बचाने में लगी है. कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ सार्वजनिक राशि, खातों में कथित घोटाले व गड़बड़ी की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या फिर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से करवाने की मांग की.  कांग्रेस ने कहा कि देश ने 70 सालों में जो संपत्तियां बनाई, उन्हें एक एक कर पीएम मोदी अपने पूंजीपति मित्रो को बेच रहे है. मोदी सरकार अपने चहेते चंद उद्योगपतियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है.  

कांग्रेस ने आंबेडकर चौक के पास एलआइसी के सामने धरना दिया और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इससे पूर्व धरना प्रदर्शन आंदोलन को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष संजयसिंह उईके ने कहा कि देश की मोदी सरकार ने बजट में बेरोजगारी पर कोई प्रावधान नहीं किया. जिसके कारण देश में बेरोजगार चरम पर है. जिसके कारण बेरोजगार अपराध की ओर बढ़ रहे है. भारत सरकार अपने मित्रो की भलाई के लिए वित्तिय नीति बनाती है.  उन्होंने कहा कि उद्योगपति घराने अदानी के समूह में एलआईसी और बैंक के माध्यम से आम जनता की राशि का किया गया निवेश खतरे में है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसी भी क्षेत्र का निजीकरण करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. केवल एक कृषि क्षेत्र ही निजीकरण से अछूता है हालांकि सरकार ने कृषि कानून के माध्यम से भी इसके निजीकरण का प्रयास किया गया था लेकिन किसानों के विरोध के कारणस वह ऐसा नहीं कर सकी. जो कानून भी केवल और केवल उद्योगपतियों के लिए लाया गया था.  

उन्होंने कहा कि देश के आजाद होने के बाद कोई एक बैंक सरकारी नहीं था लेकिन कांग्रेस ने आम जनता के लिए बैंको का राष्ट्रीयकरण किया. आज उनका निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल चंद उद्योगपतियों को बढ़ाने काम कर रही है. ऐसे सार्वजनिक उपक्रम जो फायदे में थे, उन सार्वजनिक उपक्रम को घाटे का बताकर उनमें निवेश के माध्यम से उन्हें बेचने का काम सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के सरकारी उपक्रम एचसीएल में भी धीरे-धीरे माईंस डेवलपमेंट और प्रोडक्शन के काम को निजी हाथो में दिया जा रहा है.  

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष विश्वेश्वर भगत ने कहा कि बैंक से युवा बेराजगारो को लोन लेने के लिए चप्पले घिसने पड़ रही है और मोदी सरकार के चहेते उद्योगपतियों को हजारों करोड़ रूपये का लोन दिया जा रहा है. जानबूझकर, संस्थाओं का लूटने का काम देश में किया जा  रहा है. अडानी मामले में साफ नजर आता है कि सांठगांठ से सब हो रहा है. पहले पूंजीपतियों को कर्ज दो बाद में पूंजीपतियों का कर्ज माफ कर उन्हें फायदा दिलाओ, यही काम देश में चल रहा है.  

इस दौरान प्रदेश महासचिव श्रीमती हीरासन उईके, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राटसिंह सरस्वार, वरिष्ठ कांग्रेसी रहीम खान, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती रचना लिल्हारे, सुकदेवमुनी कुतराहे, पूर्व विधायक मधु भगत, केन्द्रीय बैंक पूर्व अध्यक्ष उदयसिंह नगपुरे, शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्याम पंजवानी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष तबरेज खान, जुगल शर्मा सहित अन्य कांग्रेसी उपस्थित थे.


Web Title : CONGRESS DEMANDS JPC OR FORMER SUPREME COURT JUDGE PROBE INTO ADANI ISSUE, MODI GOVT WORKING TO PROMOTE A FEW LIKED INDUSTRIALISTS