पड़ोसी की शिकायत पर कोविड अस्पताल की अनुमति कर दी निरस्त!,निदान कोविड अस्पताल की अनुमति निरस्त करने पर खड़े हो रहे सवाल, कलेक्टर से मिला प्रतिनिधिमंडल

बालाघाट. जिले में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है हालांकि विगत दिनों में सौ से कम मरीज आने से राहत महसुस की जा रही थी लेकिन गत दो दिनों से लगातार सौ से ज्यादा मरीज सामने आ रहे है, जिससे उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं पर लोड बढ़ रहा है. जिले में कोरोना के बढ़ते मामले और शासकीय अस्पताल में बेड और संसाधन की कमी से जूझते मरीजों को उपचार के लिए शर्तो के तहत निजी अस्पताल को कोविड सेंटर चलाने की अनुमति प्रदान की गई थी. जिसमें जिले के डॉ. विकास बिसेन द्वारा संचालित निदान अस्पताल को भी कोविड अस्पताल चलाने की अनुमति दी गई थी. चूंकि अस्पताल में बेड, प्रायवेट वार्ड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पाईप लाईन सहित कोविड मरीजों के उपचार की बेहतर व्यवस्था होने से चिकित्सालय प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग की अनुमति अनुसार मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा था. जिसे गत 5 मई को बिना कोई ठोस वजह के एकाएक कोविड अस्पताल की अनुमति को निरस्त कर दिया गया.  

बिना कोई ठोस कारण के निदान अस्पताल में कोविड उपचार सुविधा को बंद किये जाने को लेकर जहां चिकित्सालय प्रबंधन सकते में आ गया. वहीं इसको लेकर एक बहस तेज हो गई और हर कोई प्रशासन के ऐसे समय जब जिले में कोरोना अपने पिक मंे है और इससे प्रभावित मरीजों को अस्पताल की सुविधा ज्यादा महसुस हो रही है. प्रशासन के निदान अस्पताल की कोविड उपचार अनुमति निरस्त होने के बाद से प्रशासनिक कार्यवाही को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे और स्वयं प्रशासन भी यह महसुस कर रहा था.  

जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि निदान कोविड अस्पताल के आसपास निवासरत लोग, जिन्हें पड़ोसी कहा जाता है, उन्होंने अस्पताल के संचालन से स्वयं को कोविड होने की आशंका जाहिर करते हुए निदान अस्पताल को बंद किये जाने की शिकायत की थी. अस्पुष्ट सूत्रों की मानें तो उस शिकायत में राजनीतिक दबाव के चलते बैकफुट पर आये प्रशासन ने अस्पताल को ही अनुमति निरस्त कर मामले को टालने का प्रयास किया, लेकिन जिले में कोविड मरीजों की स्थिति को देखकर कोविड उपचार कर रहे अस्पताल को बंद किये जाने को लेकर सामाजिक और राजनैतिक समर्थन डॉ. विकास बिसेन को मिलता दिखाई दिया. हालांकि पहली बार निदान अस्पताल के बंद होने से अखबार में आये नाम के बाद जहां मानसिक रूप से चिकित्सक दबाव महसुस कर रहे थे, वहीं प्रशासन के इस एकाएक निर्णय ने उनके मरीजों को बेहतर उपचार देने के हौंसले को भी कमजोर कर दिया था.  

बकौल डॉ. विकास बिसेन की मानें तो अस्पताल को कोविड अस्पताल में परिवर्तित करने के लिए प्रशासन की ओर से ही पहल की गई थी, जिसके बाद उन्होंने चिकित्सालय में उपलब्ध संसाधनों के साथ कोविड अस्पताल को रन करने का जज्बा दिखाया था, लेकिन गत दिवस बिना कोई ठोस कारण के कोविड उपचार अनुमति निरस्त किये जाने से स्वयं वह मानसिक रूप से परेशानी महसुस कर रहे है.  

वहीं इसको लेकर पंवार समाज के प्रतिनिधि दिलीप राहंगडाले ने कहा कि आज जब जिले में बढ़ते संक्रमण में बीमार लोगों को बेहतर उपचार दिलाने की जिम्मेदारी शासन, प्रशासन पर है, वहीं संचालित अस्पताल की अनुमति निरस्त किया जाना, मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है, जबकि ऐसे समय तो प्रशासन को चाहिये की वह और निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल के रूप में विस्तारित करें, ताकि जिले के लोगों को जिले में ही उपचार मिल सकें.

जबकि कांग्रेस नेता शेषराम राहंगडाले ने भी इसको लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन दबाव में काम न कर अपने विवेक से काम करें. आज बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर बीमार मरीजों के उपचार के लिए प्रशासन को और अधिक दूर की सोचते हुए जिले के सभी निजी चिकित्सालयों को अधिग्रहित कर उन्हें कोविड अस्पताल में तब्दील कर देना चाहिये, चूंकि निजी अस्पताल में चिकित्सक और संसाधन तथा व्यवस्थायें है. जिससे जिले में बढ़ रही मृत्युदर में भी कमी आयेगी. जहां तक मुझे पता चला है कि रिहायशी क्षेत्र में होने से उसकी अनुमति निरस्त की गई है तो ऐसे अन्य भी कोविड अस्पताल है जो रिहायशी क्षेत्र में है. प्रशासन का यह निर्णय गलत है और हम इसके खिलाफ है.

6 मई को कलेक्टर से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

कोविड मरीजों को भर्ती कर ईलाज कर रहे निदान अस्पताल की एकाएक अनुमति निरस्त किये जाने से व्यथित डॉ. विकास और उनके साथ खड़े स्नेहीजनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर दीपक आर्य से 6 मार्च को मुलाकात की. इस मुलाकात में प्रशासन से चर्चा सकारात्मक रही और निदान अस्पताल में कोविड मरीजों के उपचार को लेकर जल्द ही अच्छे संकेत मिलने की संभावना नजर आ रही है. इस प्रतिनिधिमंडल में स्वयं डॉ. विकास बिसेन, कांग्रेस नेता शेषराम राहंगडाले, भाजपा नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह ठाकुर, दिलीप राहंगडाले, रोटेरियन संतोष सचदेव, आईएमए से डॉ. शुद्धात्म जैन सहित अन्य मौजूद थे. हालांकि अब डॉ. विकास बिसेन को प्रशासन के निर्णय को इंतजार है, उन्होंने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में मरीज भर्ती है और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनका निर्धारित दिनों तक उपचार किया जायेगा. जब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अनुमति देगा, तब ही नये मरीज भर्ती किये जायेंगे.


Web Title : COVID HOSPITAL ALLOWED CANCELLED ON NEIGHBOURS COMPLAINT!, QUESTIONS RAISED OVER CANCELLATION OF DIAGNOSIS COVID HOSPITAL PERMISSION, DELEGATION MEETS COLLECTOR