सांची उत्पादो के नहीं मिलने से सांची पाल से लौट रहे ग्राहक, पार्लर संचालक मायुस, अधिकारी मौन

बालाघाट. मध्यप्रदेश दुग्ध संघ का लोकप्रिय ब्रांड सांची के नाम से मार्केट में है. इसमें दूध-दही से लेकर श्रीखंड पेड़े, रबड़ी, लस्सी तक शामिल है, जिले में युवा बेरोजगारों को सांची उत्पादों से जोड़ने के लिए सांची पार्लर के नाम से युवाओं को पार्लर दिये गये थे. जहां से उन्हें केवल और केवल सांची के उत्पादों को बेचना था, लेकिन पार्लर में इन दिनों केवल सांची दूध के अलावा अन्य उत्पाद नहीं मिल रहे है, जिसके चलते लौटती ग्राहकी को पकड़े रखने के लिए पार्लर संचालक दूसरी कंपनियों के उत्पादा बेचने को मजबूर है. सांची उत्पाद के लगातार डिमांड के चलते सांची पार्लर संचालक उत्पादों का ऑर्डर देते-देेते थक गये है, लेकिन माल नहीं है. अधिकारी भी संतोषजनक जवाब देने को तैयार नहीं है और केवल इतना ही आश्वासन देते है कि जल्द आ जायेगा. उनका कहना है कि कंपनी से उत्पाद नहीं आ रहे है तो वे कहां से उत्पाद दे. वहीं दूसरी ओर सांची पार्लर में उत्पाद नहीं मिलने से सांची ब्रांड के उत्पादो पर भरोसा रखने वाले ग्राहक मायुस होकर पार्लरों से लौट रहे है, जिसका सीधा असर पार्लर संचालकों पर पड़ रहा है, उनके व्यापार में उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है.  

एक जानकारी के अनुसार बालाघाट नगरीय क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा सांची पार्लर है, जहां शुरूआत में सांची के दूध के साथ ही अन्य उत्पाद मठा, लस्सी, श्रीखंड, रबड़ी और पेड़ा मिलता था, लेकिन विगत एक पखवाड़े से ज्यादा समय से केवल दूध को छोड़कर सांची पार्लर में सांची के अन्य उत्पाद नहीं मिल रहे है. गर्मी के बढ़ते तापमान से राहत पाने के लिए यदि कोई ग्राहक सांची का मठा या लस्सी लेने पार्लर पहुंचता है, तो वहां ग्राहक और पार्लर संचालक, दोनो को मायुसी उठानी पड़ती है, पार्लर संचालक के पास उत्पाद नहीं होने से उसका विक्रय नहीं हो पाता है और ग्राहक, उत्पाद नहीं मिलने से मायुस हो जाता है.

सांची वर्तमान में एक ब्रांड का नाम है, जिसके उत्पादों की विश्वसनियता को बनाने लंबा समय लगा है और आज जब सांची के उत्पादों के लिए लोग नाम से आते है, उस समय सांची के उत्पादों की कमी ना केेवल व्यापार के दृष्टिकोण से नुकसानदेह है बल्कि इसका असर उत्पादों पर भी पड़ रहा है.  

चूंकि खुले बाजार में आज भी अन्य कंपनियों के कई ऐसे उत्पाद है, जिसे सांची भी बेचता है, ऐसी स्थिति में उत्पादों के नहीं मिलने से सांची को भविष्य में व्यवसायिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, ऐसा कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.  

तकलीफ होती है ग्राहकों का नहीं बोलने पर-जोशी

सांची पार्लर संचालक जोशी ने बताया कि पार्लर में कोई ग्राहक जब सांची उत्पाद की आस से आता है और वह उत्पाद पार्लर में नहीं होता है तो उसे ना बोलते हुए तकलीफ होती है. गर्मी में अधिकांश लोग सांची का मठा और लस्सी लेने आते है लेकिन ग्राहकों को जब यह उत्पाद पार्लर में नहीं मिलता है तो वह निराश हो जाता है. इससे हमें भी नुकसान उठाना पड़ रहा है और ग्राहकी भी कम होती जा रही है. हम ऑर्डर देते है लेकिन अधिकारी कहते है कि कंपनी से उत्पाद नहीं आ रहा है. साल्टेज चल रहा है और कब आयेगा, इस बारे में कुछ नहीं कह सकते.

ग्राहक आकर वापस जा रहे है-अंकुश बाजपेयी

सांची पार्लर का संचालन कर रहे अंकुश बाजपेयी ने बताया कि वर्तमान में एक पखवाड़ा से ज्यादा समय से सांची के उत्पाद नहीं आ रहे है. अधिकारियों से बात करते है तो उनका कहना है कि वह ऑर्डर तो दे रहे है लेकिन उत्पाद ऊपर से नहीं भेजा जा रहा है. वर्तमान में सांची का केवल दूध आ रहा है, सांची के उत्पाद लेने आने वाले ग्राहक उत्पाद नहीं मिलने से मायुस होकर वापस जा रहे है.  


Web Title : CUSTOMERS RETURNING FROM SANCHI PAL DUE TO NON AVAILABILITY OF SANCHI PRODUCTS, PARLOUR OPERATOR MYUS, OFFICIALS SILENT