पुण्यतिथि पर दानवीर मुलना जी को किया गया याद, स्मारक पर दी गई श्रद्वाजंलि, आखिर कब संवरेगा दानवीर के नाम का उद्यान

बालाघाट. जिले को शिक्षा के क्षेत्र मंे पॉलीटेक्निक कॉलेज के भवन, खेलने के लिए मुलना मैदान, पेयजल के लिए फिल्टर प्लांट और नगरपालिका कार्यालय जैसी बड़ी संपत्तियों को दान करने और जिले के विकास में अपना सर्वस्व जीवन अर्पित करने वाले दानवीर दीवान बहादुर मुलना जी को प्रतिवर्ष 25 अक्टूबर उनकी जयंती और 2 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि पर उन्हंे याद कर उनके बारे में बड़ी-बड़ी बात कही जाती है लेकिन वास्तविकता यह है कि आज भी जिले के सबसे बड़े दानवीर मुलना जी के नाम से धर्मशाला के सामने बना उद्यान, उजाड़ होकर अपने अस्तित्व की खोज में है. पहले इस उद्यान में लोगों को बैठने से सुकुन मिलता है और बस से आने वाले यात्री भी उद्यान में बैठकर, कुछ समय गुजार लेते थे. बड़े-बड़े पेड़ो से युक्त यह उद्यान अपनी सौन्द्रर्यता को बनाये हुए था, लेकिन लालफीताशाही की नजर इस पर ऐसी पड़ी कि आज वह उजाड़ हो गया है और अतिक्रमणकारियों एवं शराबखोरियों का अड्डा बन गया है. 2 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करने वालो में शहर के कई ऐसे नामचीन लोग है, यदि वह प्रयास करें तो उनके नाम से बने उद्यान के अस्तित्व को पुनः बरकरार रख सकते है लेकिन इस सकारात्मक प्रयास से कहीं आसान यह है कि उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर केवल उनकी दानवीरता को याद कर केवल पुष्प अर्पित कर दे, फिर जब उनकी जयंती या पुण्यतिथि आये तो फिर वह नजर आ जाये.  

2 जुलाई को जिले के सबसे बड़े दानवीर दीवान बहादुर मुलना जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर अतिक्रमण के साये में छिपी रानी अवंतीबाई चौक स्थित उनकी प्रतिमा और उनकी समाधि स्थल पर गणमान्य नागरिकों ने उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित की और उनके दानवीरता को याद किया.

इस दौरान नपा के पूर्व अध्यक्ष रमेश रंगलानी, वरिष्ठ शिक्षाविद श्रीमती लता एलकर, तपेश असाटी, विजय वर्मा, कमलजीतसिंघ छाबड़ा सहित अन्य उपस्थित थे. इस दौरान नपा पूर्व अध्यक्ष रमेश रंगलानी ने कहा कि आज 2 जुलाई को जिले के सबसे बड़े दानवीर मुलना जी की पुण्यतिथि है, जिन्होंने अपना सर्वस्व जीवन जिले को समर्पित कर कर दिया. जिससे हम नगरवासियांे का भी कर्तव्य बनता है कि हम, उन्हें याद करें. प्रतिवर्ष 25 अक्टूबर को उनकी जयंती और 2 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि पर हम यहां आकर उन्हें याद करते हुए पुष्पाजंलि अर्पित करते है.


Web Title : DANVEER MULNA JI WAS REMEMBERED ON HIS DEATH ANNIVERSARY, THE TRIBUTE GIVEN AT THE MEMORIAL, WHEN WILL THE GARDEN IN THE NAME OF SANVAREGA DANVIR BE NAMED AFTER ALL?