बस में दिव्यांग को यात्री किराये में नहीं मिली छूट, अभद्रता एवं अपमान भी किया, अत्यधिक किराया वसुलकर की अभद्रता, दिव्यांग ने की कलेक्टर को शिकायत

बालाघाट. राज्य शासन और परिवहन विभाग द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि दिव्यांगो को यात्रा में 50 प्रतिशत की छूट दी जायें. मसलन उनसे यात्रा डेस्टिनेशन तक लगने वाला किराया आधा लिया जायें. जिसे जहां कुछ बस संचालक मान रहे है लेकिन कुछ बस संचालकों पर राज्य शासन के आदेश का कोई असर नहीं हो रहा है, यही नहीं नियमानुसार बसो में दिव्यांग, बुजुर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटो का भी अभाव है, बावजूद इसके सूरदास बने परिवहन विभाग को सब हरा-हरा ही नजर आ रहा है. ताजा मामला दिव्यांग को आदेशानुसार यात्री किराये में मिलने वाली छूट का फायदा न देकर उससे अत्यधिक और पूरा किराया वसुलने का मामला सामने आया है. जिसमें बालाघाट नगर के रजा नगर निवासी 48 वर्षीय दिव्यांग मिर्जा ईरशाद बेग पिता रूस्तम बेग ने पात्रता होने के बावजूद किराये में छूट नहीं देने, अभद्रता करने की शिकायत करते हुए सूत्र सेवा बस चालक, परिचालक और संस्था पर कार्यवाही किये जाने की मांग की है.

दिव्यांग मिर्जा ईरशाद बेग ने बताया कि मेरे द्वारा 17 दिसंबर को सुबह 6 बजे सूत्र सेवा बस क्रमांक एमपी 22 पीए 1184 से आवश्यक कार्य से बालाघाट से जबलपुर जाने के लिए आरक्षण कराया गया था. चूंकि शासन द्वारा निर्धारित दिव्यांग छूट का पात्रताधारी हूॅं तथा विधिवत मेरे पास शासन से मिला दिव्यांग प्रमाण पत्र था, जिनको लेकर नियमों के तहत यात्रा के दौरान मुझे 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान है, जब इस बाबत मैने परिचालक से चर्चा कर उसे आधी राशि प्रदाय किया तो चालक और परिचालक मुझसे दुर्व्यवहार करते हुए कहने लगे कि ऐसे किसी नियम को वह नहीं मानते है और बस में सवार अन्य यात्रियों के सामने उसे दिव्यांग कहकर अपमानित किया गया. जिसके डर से वह पूरा किराया देकर जबलपुर पहुंचे, जहां बस के चालक और परिचालक की रास्ते में उतरने की धमकी के कारण मेरा स्वास्थ्य खराब हो गया. जहां स्वास्थ्य उपचार कराने के बाद बालाघाट लौटकर आज वह शिकायत करने पहुंचे है. दिव्यांग ईरशाद बेग ने प्रशासन से मांग की कि नियमानुसार दिव्यांग को छूट का लाभ नहीं देने वाले और अभद्रता कर अपमानित करने वाले बस चालक, परिचालक और संस्था पर कार्यवाही की जाये.


Web Title : DIVYANG NOT ALLOWED TO GET PASSENGER FARE EXEMPTION, INDECENCY AND INSULT IN BUS, EXCESSIVE FARE VASULKARS INDECENCY, DIVYANG COMPLAINS TO COLLECTOR