सात स्थानों से निकलेगी ग्राम मंगल यात्रा, रामपायली को विश्व पटल पर दर्ज कराने की पहल, यात्रा देगी संदेश

बालाघाट. जैविक खेती, प्लास्टिक मुक्त वातावरण, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता के साथ ही ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थल रामपायली को विश्व पटल पर दर्ज कराने की पहल को लेकर विगत 6 सालों से प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली ग्राम मंगल यात्रा का आयोजन 8 जनवरी को किया गया. जहां सात स्थानों से यह यात्रा रामपायली में समागम के रूप में मिलेगी. जिसको लेकर श्रीराम सेवा समिति के माध्यम से तैयारियां प्रारंभ हो गई है जिसे अब अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है.  ग्राम मंगल यात्रा का आयोजन को लेकर बालाघाट के निजी हॉटल मंे आयोजित प्रेसवार्ता में संयोजक डॉ घनश्याम परते ने विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान विभाग संघचालक वैभव कश्यप, रवि श्रीवास्तव और गजेन्द्र भारद्वाज भी मौजूद थे.  

संयोजक डॉ. घनश्याम परते ने बताया कि रामपायली के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व को वैश्विक पटल में दर्ज कराने की भावना को लेकर विगत 6 वर्षो से ग्राम मंगल यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में इस वर्ष ग्राम मंगल यात्रा 8 जनवरी को सात स्थानों जरामोहगांव, वारासिवनी, लिंगमारा, घोटी-आरंभा, भेंडारा, खैरलांजी और टेकाड़ीघाट स्थल से निकाली जायेगी. जो अपने गंतव्य से प्रारंभ होकर रास्ते में ग्रामों का सफर तय करते हुए सभी यात्रा का रामपायली में समागम होगा. जहां यात्रा में शामिल होने वाले 50 हजार लोगांे के लिए प्लास्टिक मुक्त के प्रण के साथ केले के पत्ते में सात्विक भोजन ग्राम मंगल यात्रियों को कराया जायेगा.  

उन्होंने बताया कि लगातार रासायनिक दवाओं और खाद के प्रयोग से धरती की उर्वरकता पर इसका असर पड़ा है. जिसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर बीमारियों के रूप में दिखाई देने लगा है. इस यात्रा के माध्यम से ना केवल सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देना है बल्कि लोगों पुरातन जैविक खाद्य से खेती के प्रति भी जागृत करना है, ताकि लोगों को शुद्ध आहार मिले.  

उन्होंने कहा कि रामपायली धार्मिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण है कि यहां भगवान श्रीराम के चरण पड़े थे. जिसके चलते कभी रामपदावली से यह परिवर्तित होकर रामपायली हो गया है. जबकि इसके ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाले तो श्री हेडगेवार जी ने यहां अंग्रेजो पर बम फेंका था. जिससे यह क्षेत्र अपने आप मंे धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा है.  

जिसको विश्वपटल पद दर्ज कराने के लिए बहुआयामी उद्देश्यों के साथ यह ग्राम मंगल यात्रा निर्बाध रूप से निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि हमें लोगो में यह चेतना जगानी है कि यदि युग को बदलना है तो हमें बदलना पड़ेगा. चूंकि जग गांव का विकास होगा, तभी देश का विकास होगा. यदि हम देश की इकाई गांव को सृदृढ़ सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से मजबूत करेंगे, तभी हम विश्वगुरू बन सकते है.  

उन्होंने बताया कि ग्राम मंगल यात्रा की पवित्रता और महत्व बना रहे, इसके लिए यात्रा के प्रारंभ स्थल से समापन स्थल तक आने वाले ग्रामों में इसकी व्यापक तैयारियां की गई है. जहां घरो के आंगन को गोबर से लीपकर, रंग-बिरंग रंगो से रंगोली सजाई जायेगी. वहीं एक-एक दीपक भी जलाया जायेगा. इससे ना केवल धार्मिक क्षेत्र बल्कि जिले का नाम होगा. ऐसी मंगल, सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक समरसता के भाव से निकाली जाने वाली सामाजिक ग्राम मंगल यात्रा में जिलेवासियों से शामिल होने की अपील संयोजक डॉ. घनश्याम परते और डॉ. गिरेन्द्र पंवार ने की है.  


Web Title : GRAM MANGAL YATRA TO BE LAUNCHED FROM 7 PLACES, INITIATIVE TO MARK RAMPYALI ON WORLD STAGE, YATRA WILL GIVE MESSAGE