घर में पधारों गजाननजी मेरे घर में पधारो,घर-घर में की गई भगवान गणेश की स्थापना, कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक स्थलों की रौनक नदारद

बालाघाट. भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि 22 अगस्त शनिवार को पूरे जिले में गणपति पूजन किया गया. गणेश चतुर्थी पर विधि विधान से घर-घर में भगवान गणेश की स्थापना की गई. 10 दिनों तक मनाये जाने वाले गणेशोत्सव पर्व को लेकर घरो में खुशी का माहौल रहा. हालांकि इस वर्ष कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक स्थानों पर गणेश पंडालों की रौनक नदारद रही. ऐसी कथा है कि जगत के कल्याण के लिए भगवान गणेशजी, भगवान शिव और देवी पार्वत्ी की तपस्या से प्रसन्न होकर भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कैलाश पर भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र में प्रकट हुए थे. इसलिए इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अन्य किसी भी दिनों की अपेक्षा इस दिन गणेशजी की पूजा और आराधना का फल जल्दी प्राप्त होता है.

इस वर्ष कोरोना संकट की वजह से पंडालो में गणेश उत्सव नहीं मनाया जा रहा है, लेकिन लोग अपने-अपने घरो में ‘‘घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो’’ कहकर भगवान गणेश की मनोहारी प्रतिमा लेकर पहुंचे और विधि विधान से उसकी स्थापना कर पूजा-पाठ की.

सुबह ही मूर्तिकारों के यहां भगवान गणेश की प्रतिमा लाने पहुंचे भक्तगण

नगर में मूर्तिकारों के यहां सुबह से ही भगवान गणेश् की प्रतिमा को लाने भक्तगण पहुंचे थे. जहां से भक्तगण भगवान गणेश की आकर्षक प्रतिमा लेकर घर पहुंचे और विधि विधान से भगवान का आसन तैयार कर उन्हें विराजित किया. अब दस दिनों तक घर-घर में भगवान गणेश की आराधना की जायेगी. जिले में गणेशोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक स्थानो पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की मनाही होने से गणेशोत्सव का पर्व फीका लग रहा है हालांकि घर-घर में भक्तगणों ने अपने प्रथमपूज्य आराध्य भगवान गणेश की स्थापना कर उसकी पूजा पाठ कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा.


Web Title : IN THE HOUSE, GAJANANJI, IN MY HOUSE, THE ESTABLISHMENT OF LORD GANESHA IN THE HOUSE, THE PUBLIC PLACES MISSING DUE TO THE CORONA CRISIS.