आओ पौधा लगाये, अपनी धरा को हरा-बनाये,एमएलबी स्कूल की रासेयो ईकाई ने शाला परिसर में किया पौधारोपण

बालाघाट. आओ पौधे लगाये, अपनी धरा को हराभरा बनाये, भाव के साथ नगर की सबसे बड़ी कन्या शाला महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की राष्ट्रीय सेवा येाजना इकाई बालाघाट द्वारा शाला परिसर में विभिन्न प्रजाति के पौधो का रोपण किया गया. इस अवसर पर रासेयो कार्यक्रम अधिकारी के साथ शाला के व्याख्याता अरविंद मते, श्री धुर्वे, श्रीमती तुरकर, श्रीमती अल्का बिसेन, श्रीमती तितरमारे, श्रीमती मासुरकर, श्रीमती चौहान एवं समस्त शाला परिवार का सराहनीय सहयोग रहा.

इस दौरान विद्धान शिक्षकों ने कहा कि दुनिया में इंसान और कुदरत के बीच गहरा रिश्ता है. पेड़ों से मानव को जीवन मिलता है, जहां पेड हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे साथ होते है. वहीं इनसे हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन मिलती है, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. पेड़ो से प्राणवायु के साथ ही हमें औषधियां भी मिलती हैं. पेड़ इंसान की जरूरत हैं और उसके जीवन का आधार हैं. अमूमन सभी धर्म में पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया है. भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है. भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है. विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है. पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है.  

इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं. जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं. वराह पुराण में वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा गया है जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, एक बड़, दस फूल वाले पौधे या बेलें, दो अनार दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह नरक में नहीं जायेगा.

यह हैरत और अफसोस की ही बात है कि जिस देश में, समाज में पेड़-पौधों को पूजने की प्रथा रही है, अब उसी देश में, उसी समाज में पेड़ कम हो रहे हैं. बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा. बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटा जा रहा है. नतीजतन जंगल खत्म हो रहे हैं. देश में वन क्षेत्रफल बहुत ही कम है. इससे पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया है. घटते वन क्षेत्र को बचाने हमंे ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने होंगे. खुशी की बात है कि लगातार ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहे अब जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आ रही है. लोग अब पेड़-पौधों की अहमियत को समझने लगे हैं. हर स्तर पर लोग इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर शिरकत कर रहे हैं. सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं पौधारोपण की मुहिम चला कर इस पुनीत कार्य में हिस्सेदार बन रही हैं. लोग अब अपने किसी खास दिन को यादगार बनाने के लिए पौधे लगा रहे हैं. कोई पौधारोपण कर अपना जन्मदिन मना रहा है, तो कोई अपनी शादी की सालगिरह पर पौधा रोप रहा है. इतना ही नहीं, लोग अपने प्रिय नेता और अभिनेता के जन्मदिन और बरसी पर भी पौधारोपण कर वातावरण को हराभरा बनाने के काम में लगे हैं. बेशक पौधे लगाना नेक काम है, लेकिन सिर्फ पौधा लगाना ही काफी नहीं है. पौधे की समुचित देखभाल भी की जानी चाहिए, ताकि वे पौधे से वृक्ष बन सकें.

इस दौरान रासेयो की इकाई द्वारा शाला परिसर में नीम, जामुन, बादाम, करंज एवं अन्य प्रजाति के पौधे लगाये गये और उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया गया. गौरतलब हो कि एमएलबी स्कूल की रासेयो इकाई निरंतर योजना के उद्देश्यों को लेकर कार्य करती रहती है, ताकि रासेयो से जुड़ी छात्राओं में सेवा का भाव जागें और वह आगे चलकर सेवाभावी कार्यो से अपनी नई पहचान बनाये.


Web Title : LETS PLANT SAPLINGS, BEAT YOUR LAND, RASEO UNIT OF MLB SCHOOL PLANTS SAPLINGS IN SCHOOL PREMISES