बालाघाट. जिले में कोरोना काल मे मनरेगा मजदूरो के लिए रोजगार का अवसर बनी हुई है. गाम पंचायत धापेवाडा मनरेगा के कार्यों से मजदूरो को रोजगार दे रही है. गांव में ही काम मिलने से मजदूरो में खुशी है. कोरोना के चलते जनता कर्फ्यु लगा हुआ है. जिसके कारण लोगों के पास काम का संकट बन गया है. काम के अभाव में लोग अपने घरों में बैठ गए हैं और उन्हें रोजगार की चिंता सता रही है.
महानगरों में काम कर अपनी रोजी-रोटी करने वाले मजदूरों के सामने कोरोना का संकट परेशानी का कारण बन गया है. ऐसे में ग्राम पंचायत धापेवाड़ा मनरेगा योजना के अंतर्गत नाला निर्माण का कार्य कर रही है. साढे़ सात लाख रुपए की लागत से बन रहे नाला निर्माण कार्य में पिछले 5 सप्ताह से महिला और पुरुष लगभग 70 से 80 मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं और उन्हें रोजगार मिल रहा है. इस काम के मिलने से मजदूरों में खुशी है. महिला मजदूरों ने बताया कि काम के अभाव में रोजगार का संकट बन गया था. लेकिन इस काम के मिलने से वह खुश है. कोरोना के समय वे नियमों का पालन कर रहे हैं और मास्क का भी उपयोग कर रहे हैं. ग्राम पंचायत द्वारा भी मास्क का वितरण किया गया है और मजदूर मास्क पहनकर काम कर रहे हैं. मेहनत का काम करने के चलते वे पूरी तरह स्वस्थ भी है.
सरपंच पति एवं पूर्व सरपंच शांतिलाल नगपुरे ने बताया कि शासन प्रशासन के दिशा निर्देशन में मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरों के लिए स्थानीय स्तर पर मिट्टी का काम प्रारंभ किया गया है. जिसके अंतर्गत नाला निर्माण किया जा रहा है. काम की समस्या से जूझ रहे लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराया गया है और उसमें उन्हें कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाया जा रहा है. इस तरह से रोजगार मिल जाने से इन मजदूरों को काम की चिंता नहीं रह गई है. उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत धापेवाड़ा के अंतर्गत तुमड़ीढोडी आती है. जहां पर यह कार्य ग्राम पंचायत धापेवाड़ा दारा करवाया जा रहा है. लगभग 900 मीटर लंबाई के इस नाला निर्माण कार्य में पुरुषों की अपेक्षा महिला मजदूर बड़ी संख्या में काम करने के लिए पहुंचती है. जिसके चलते उन्हें मनरेगा में ग्राम पंचायत स्तर पर ही रोजगार मिल गया है और वे इस काम को लेकर खुश है. कई परिवार के 1 व 2 सदस्य इस मिट्टी के कार्य में लगे हुए हैं.
बताया जाता है कि सुबह 5 से 6 बजे के बीच मजदूर काम करने के लिए पहुंच जाते हैं और तेज धूप के समय अपने अपने घर के लिए रवाना हो जाते हैं. जिससे सुबह ठंडे समय में अधिकाधिक काम कर अपनी नियत खंती के हिसाब से काम कर घर चले जाते हैं. मजदूरों ने बताया कि इस काम के मिलने से उन्हे बाहर या शहर जाने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ रहा हैं बल्कि अपनी पंचायत में ही काम मिल गया है.
नाला निर्माण के कार्य में कार्य रही महिला मजदूर फुलवंती मोहारे ने बताया कि पंचायत में काम मिलने से वे संतुष्ट है यहां पर 70 से 75 मजदूर प्रतिदिन पिछले 5 सप्ताह से काम करने आ रहे हैं और वह भी काम करने आ रही है. ग्राम पंचायत में काम मिलने से उन्हें रोजगार की समस्या नहीं रह गई है. कोरोना के समय काम मिलना उनके लिए राहत भरा है और वह सभी स्वस्थ है. सरपंच पति शांतिलाल नगपुरे ने बताया कि ग्राम पंचायत धापेवाडा द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत 07 लाख 50 हजार रुपये की लागत से तुमड़ी ढोडी में 900 मीटर लंबाई में नाला निर्माण का कार्य किया जा रहा है. जिसमें 5 सप्ताह से 70 से 80 मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं, और उन्हें रोजगार मिल रहा है. पंचायत स्तर पर मास्क का वितरण किया गया है. कोरोना नियमों का पालन कराया जा रहा है. धापेवाड़ा के अधिकांश लोग बाहर कमाने जाते थे, उन्हें कोरोना काल में काम उपलब्ध कराने की चुनौती थी. लेकिन शासन प्रशासन के दिशा निर्देशन में मनरेगा योजना के अंतर्गत नाला निर्माण के माध्यम से मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.