मामाजी प्रेरको को बहाल करे और उन्हें शिक्षक भर्ती में अवसर प्रदान करें

बालाघाट. 2001 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में महिलाओं की निरक्षरता को दूर करने के लिए वर्ष 2012 में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत वर्ष 2012 में प्रेरकों की संविदा नियुक्ति की गई थी. जिसमें निरक्षर को साक्षर करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में एक महिला एक पुरुष को विधिवत केन्द्र संचालित करने नियुक्त किया गया था. जिसमें शासन की मंशानुसार प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने में प्रेरकों की बहुत बड़ी भूमिका रही है. महज दो हजार रूपये के मानदेय में प्रदेश में साक्षरता प्रतिशत को बढ़ाने में इन्होंने महती भूमिका निभाई. यही नहीं बल्कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में सफलतापूर्वक कार्य किया, लेकिन वर्ष 2018 के बाद प्रदेश के सभी 23 हजार 900 प्रेरकों की सेवायें खत्म कर दी गई. जिसके बाद से लगातार प्रेरक, प्रेरक संघ के बैनर तले सरकार से धरना-प्रदर्शन, रैली, ज्ञापन के माध्यम से सेवा बहाली और नियमितिकरण की मांग कर रहे है, लेकिन इनका दुर्भाग्य है कि अब तक सरकार ने इन पर कोई ध्यान नहीं दिया. प्रेरकों का कहना है कि जिस तरह से सरकार आंगनबाड़ी, आशा-उषा कार्यकर्ता, संविदा कर्मियों, सचिव और रोजगार सहायकों के लिए ना केवल वेतन में बढ़ोत्तरी कर रही है बल्कि सामाजिक सुरक्षा भी दे रही है तो प्रदेश में साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने वाले प्रेरकों की अनदेखी क्यों की जा रही है.  

07 अगस्त को प्रेरक संघ ने भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में संघ विभाग प्रमुख राजेश वर्मा की उपस्थिति में बैठक की और तय किया गया कि सरकार से प्रेरकों की सेवा बहाल करने की मांग को लेकर एक बार फिर आंदोलन को गति दी जायेगी. जिसके तहत विधायक और सांसदों को ज्ञापन दिया जायेगा. जिसकी शुरूआत जिला प्रशासन को प्रेरको द्वारा ज्ञापन से की गई.

प्रेरक संघ कुंदन बिंझाले ने बताया कि 2018 में सेवा से बर्खास्त करने के बाद लगातार प्रेरक संघ अपनी सेवा को बहाल करने सरकार का ध्यानाकर्षण करवा रहा है. जहां सरकार अन्य कर्मियों को सौगाते दे रही है तो हमारी भी मांग है कि प्रेरकों की महापंचायत बुलाकर सरकार उनके भविष्य के बारे में भी निर्णय ले और यदि सरकार ऐसी करती है तो निश्चित ही प्रदेश के 23 हजार 9 सौ प्रेरक सरकार के साथ होंगे. उन्होंने कहा कि एक बार फिर प्रेरक अपनी हक और अधिकार की लड़ाई को शुरू करने जा रहा है.  

भारतीय मजदूर संघ के विभाग संयोजक राजेश वर्मा ने कहा कि सरकार को इनकी सेवाओं को बहाल कर प्रदेश में खाली एक लाख पदो पर इन्हें नियुक्ति दी जानी चाहिये. चूंकि प्रेरकों ने विपरित परिस्थिति और कम मानदेय में प्रदेश की साक्षरता को बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भोपाल में बैठे कर्मचारी संगठनों के बड़े नेताओं से उनकी चर्चा हुई है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि प्रेरकों की समस्या को सरकार तक पहुंचायेंगे. भारतीय मजदूर संघ कार्यालय बुढ़ी में आयोजित बैठक में काफी संख्या में जिले के प्रेरक साथी मौजूद थे.


Web Title : MAMAJI SHOULD RESTORE THE MOTIVATORS AND GIVE THEM OPPORTUNITIES IN TEACHER RECRUITMENT.