मंडई उत्सव का समारोह पूर्वक शुभारंभ

बालाघाट. जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, भोपाल एवं जिला प्रशासन, बालाघाट के सहयोग से 75 वें आजादी अमृत महोत्सव के तहत जनजातीय नृत्यों का दो दिवसीय मड़ई उत्सव का 23 फरवरी को सायं 6. 30 बजे शासकीय उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान बालाघाट में समारोह पूर्वक शुभारंभ किया गया.

मंडई उत्सव के शुभारंभ अवसर पर मध्‍य प्रदेश पिछडा वर्ग कल्‍याण आयोग के अध्‍यक्ष गौरीशंकर बिसेन मुख्य अतिथि, बालाघाट-सिवनी लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन विशिष्‍ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. जिला पंचायत प्रधान श्रीमती रेखा बिसेन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. कार्यक्रम में कलेक्‍टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, गणमान्य नागरिक एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.

दो दिन के इस मंडई उत्सव में वनवासी लीला पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी संयोजित की गई है, जिसमें निषादराज गुह्य नाथद्वारा शैली, राजस्थान में एवं भक्तिमति शबरी चेरियालपट्टम शैली, आंध्रप्रदेश में प्रदर्शित की गई है. सभी अतिथियों ने मंडई उत्सव के शुभारंभ अवसर पर इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया. कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा दो दिवसीय मंडई उत्‍सव का दीप प्रज्‍जवलित कर शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर मध्‍य प्रदेश पिछडा वर्ग कल्‍याण आयोग के अध्‍यक्ष श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में मंडई का विशेष महत्‍व होता है. ऐसे उत्‍सव में व्‍यक्ति आनंद विभोर हो जाता है. आज 23 फरवरी शबरी मैया की जयंती है, यह आयोजन हमारी संस्‍कृति और पुरानी यादों को तरो ताजा करेगा. संस्कृति विभाग द्वारा भक्तिति शबरी के जीवंत चरित्र को जिस प्रकार से वनवासी कलाकारों द्वारा पेश कर अपनी कला का प्रदर्शन किया है. वह तारीफे काबिल है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की यह अभिवन पहल है, जिसका वह स्वागत करते है. इस पुरानी संस्कृति से नई दिशा मिलेगी.

सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह गर्व का विषय है कि हमारा देश उत्‍सवों का देश है. निषादराज और भगवान राम के साथ मित्रता रही थी. ऐसे आयोजन सामाजिक समरसता को बढ़ाने, ऊंच-नीच के भेद भाव को मिटाने का काम करते हैं. मंडई उत्‍सव में प्रथम दिन भक्तिमति शबरी वनवासी लीला नाट्य, की प्रस्तुति दी गई. इसके साथ ही बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्र बिरसा के बैगा बिहाव, गोंडी लोकनृत्‍य, रीना लोकनृत्‍य, गोवारा लोकनृत्‍य, कर्मा लोकनृत्‍य के कलाकारो द्वारा प्रस्‍तुति दी गई.

मडई उत्सव के दो दिवसीय आयोजन में 23 फरवरी को वनवासी लीला नाट्य भक्तिमति शबरी की प्रस्तुति दी गई. इस प्रस्तुति का निर्देशन गुरू निर्मलदास एवं आलेख योगेश त्रिपाठी, संगीत संयोजन मिलिन्द त्रिवेदी द्वारा किया गया.

Web Title : MANDAI FESTIVAL BEGINS CEREMONIALLY