पंचायत चुनाव से पहले होंगे नपा के चुनाव?, नगरपालिका निर्वाचन की आहट, फोटोयुक्त मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ

बालाघाट. मध्यप्रदेश में कोरोना के कारण या फिर अपरिहार्य परिस्थिति के चलते जल उपभोक्ता संथा, मंडी चुनाव, सोसायटी, कॉपरेटिव्ह, पंचायत और नगरपालिका चुनाव नहीं हो सके है, जिनको धीरे-धीरे काफी समय होता जा रहा है, हाल ही में प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने तत्कालीन कमलनाथ की कांग्रेस सरकार में पंचायतों के किये गये परीसीमन और आरक्षण को रद्व कर वर्ष 2014 के आधार पर पंचायत चुनाव कराये जाने का अध्यादेश जारी किया गया था, लेकिन चुनाव से पूर्व ही ओबीसी आरक्षण में फंसे पंचायत चुनाव को अंततः सरकार को पंचायत चुनाव का अध्यादेश वापस लेकर रद्ध करना पड़ा, वहीं गत दिनों ओबीसी मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब पंचायत चुनाव के और लंबा खींचता दिखाई दे रहा है, हालांकि सरकार, पंचायतों का परीसिमन करवा चुकी और परीसिमन के बाद इसका प्रकाशन भी हो गया है, जिसमें दावे-आपत्ति मंगाये जा रहे है, लेकिन पंचायत चुनाव को लेकर कोई साफ तस्वीर अभी नजर नहीं आ रही है, जिससे पंचायत चुनाव कब, कैसे होंगे, इस पर संशय बना है, लेकिन वहीं मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम-3 एवं 8 के अनुक्रम मंे मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरपालिका के निर्वाचन के लिए 1 जनवरी 2022 की संदर्भ तारीख के आधार पर फोटोयुक्त मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिया है और नगरपालिका में विगत 14 जनवरी से नगरपालिका की फोटायुक्त मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम भी प्रारंभ हो गया है.  

जिसे देखते हुए ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि संभवतः सरकार पंचायत चुनाव के पूर्व नगरपालिका चुनाव करा सकती है. चूंकि नगरपालिका चुनाव को लेकर वार्डो के आरक्षण की प्रक्रिया पूर्व में ही हो चुकी है, वहीं नगरपालिका अध्यक्ष का आरक्षण तय होना बाकी है. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नगरपालिका अध्यक्ष का निर्वाचन, निर्वाचित पार्षदो द्वारा किये जाने का निर्णय लिया गया था. हालांकि उस दौरान भाजपा, कांग्रेस को नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव में जनता के भागने का आरोप लगा रही थी. चूंकि अब तक नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव जनता द्वारा किया जाता था.

प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद भाजपा के सुर भी बदल गये. तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नगरपालिका अध्यक्ष के निर्वाचित पार्षदो द्वारा किये जाने के निर्णय को शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने भी यथावत रखा और इसी के तहत नगरपालिका अध्यक्ष निर्वाचन किये जाने की बात कही थी.  

चूंकि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार द्वारा अपने ही अध्यादेश को वापस लेकर चुनाव को रद्ध करने और हाल ही में आये माननीय उच्चतम न्यायालय के आरक्षण को लेकर दिये गये ट्रिपल टेस्ट को निर्णय के बाद सरकार अभी बैकफुट में नजर आ रही है, हालांकि पंचायत चुनाव को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के दो महिने में चुनाव कराने के अल्टीमेटम के बाद भी नहीं लगता है कि सरकार अभी पंचायत चुनाव कराना चाहती है. जिसके चलते ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि सरकार, पंचायत चुनाव से पूर्व नगरपालिका चुनाव करा सकती है, ताकि चुनाव न कराये जाने से सरकार पर उठे रहे सवालों को कम किया जा सकें और इसी बहाने सरकार को पंचायत चुनाव के लिए समय भी मिल जायेगा और वह चुनाव नहीं कराये जाने से जनता की नाराजगी को भी कम कर सकेगी.  

नगरपालिका की फोटोयुक्त मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम 14 जनवरी से प्रारंभ हो गया है. जिसके तहत नये मतदाताओं के नाम जोड़ने, संशोधन और निरसन का काम किया जायेगा. जिसके बाद नगरपालिका की मतदाता सूची का प्रकाशन कर दावे, आपत्ति मंगाये जायेंगे. जिसका निराकरण कर मतदाता सूची का प्रकाशन किया जायेगा.  

चंूकि नगरपालिका चुनाव नहीं होने और एक साल से भी ज्यादा समय से नगरपालिका अध्यक्ष का पद खाली होने से वर्तमान में प्रशासनिक अधिकारी, प्रशासक का काम देख रहे है. बालाघाट नगरपालिका में प्रशासक कलेक्टर है तो अन्य नगरपालिका, नगर पंचायत और नगर परिषद में एसडीएम प्रशासक है. प्रशासन और निर्वाचित जनप्रतिनिधि के बीच काम करने का तरीका अलग होता है. जहां प्रशासक, शासन और विभाग के तहत काम पर जोर देते है, वहीं निर्वाचित जनप्रतिनिधि, जनता से जुड़े विषयों पर गंभीरता से काम करते है. चंूकि नगरपालिका में काफी समय से प्रशासक कलेक्टर होने के बावजूद नगरीय क्षेत्र में विकास के काम हो या फिर नगरीय क्षेत्र की जनता से जुड़ी समस्यायें हो, आम लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. जिससे सरकार भी चाहती है कि नागरिकों को परेशान न होना पड़े, इसलिए निर्वाचन जरूरी है और जिस प्रकार से नगरपालिका में मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ हो गया है जो आगामी फरवरी तक चलने वाला है, उससे लगता है कि सरकार, पंचायत चुनाव से पहले नगरपालिका चुनाव करा सकती है. क्योंकि नपा वार्डो के आरक्षण के बाद लड़ने वाले प्रत्याशियो में उत्साह देखा जा रहा था लेकिन शनैः शनैः इसमें देरी होने के कारण प्रत्याशी भी शांत पड़ गये थे, लेकिन वार्ड चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए यह उत्साह की खबर हो सकती है कि सरकार नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रही प्रक्रियाओं से गंभीर दिखाई दे रही है और संभवतः सरकार, पंचायत चुनाव से पूर्व नगरपालिका चुनाव कराकर जनता की नाराजगी को कम करना चाहती है.


इनका कहना है

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 14 जनवरी से फोटोयुक्त मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. जिसमें नये नाम जोड़ना, निरसन और संशोधन किया जा रहा है. जिसके लिए नगरपालिका की इस कार्य में लगे कर्मी, बीएलओ से विधानसभा सूची से मिलान कर रहे है.  

विकास श्रीवास्तव, राजस्व लिपिक एवं निर्वाचन प्रभारी


Web Title : NAPPA ELECTIONS TO BE HELD BEFORE PANCHAYAT ELECTIONS?, MUNICIPAL ELECTIONS, REVIEW OF PHOTO ELECTORAL ROLLS BEGIN