बालाघाट. जिले में अब तक मिले कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के अनुपात में अधिकांश ऐसे लोग कोरोना पॉजिटिव निकले है, जो जिले में बाहर से आये है. जिले में कोरोना को रोकने के लिए प्रशासन लगातार यह अपील करता आ रहा है कि जिले में बाहर से आने वाले लोग अपनी जानकारी प्रशासन को दे, लेकिन देखने में आ रहा है कि लोग, इसके प्रति जागरूक नहीं है, जिसके कारण कई ऐसे मामले में यह बात सामने आई है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज के सीधे घर में चले जाने से उसके पॉजिटिव आने के बाद वह कोरोना का संवाहक बन जा रहा है, जिसके कारण अन्य लोग भी कोरोना से प्रभावित हो रहे है. जिसके चलते अब प्रशासन ने लोगों से एक बार फिर बाहर से आने वाले व्यक्तियों से अपील की है कि वह स्वतः ही इसकी जानकारी प्रशासन को दे. वहीं शासन द्वारा निर्धारित क्वारेंटाईन सेंटर में रूकने के दौरान हो रही असुविधा को देखते हुए प्रशासन ने बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वारेंटाईन न रहकर सुविधानुसार हॉटल का विकल्प सुझाया है, जहां बाहर से आने वाले ऐसे लोग, अपनी कोरोना जांच तक स्वयं के खर्च से हॉटल में रूक सकते है. जिसके लिए प्रशासन द्वारा नगर के तीन हॉटल का प्रारंभिक रूप से चयन किया है.
बालाघाट जिले में कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिये प्रशासन ने जिले में बाहर से आने वाले नागरिकों व उनके परिजनों से स्वतः ही आगे आकर अपने आने की जानकारी देने की अपील की हैं. कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने आज 04 अगस्त को मीडिया से चर्चा करते हुये बताया कि जिले में अब तक कोरोना के 144 संक्रमित केस में यह बातें सामने आयी हैं कि ये सभी संक्रमित बाहर से आने वाले हैं, जिले में किसी को भी कोरोना नहीं निकला हैं. सिर्फ उकवा छपरवाही के आटो चालक के संपर्क में आने से ही स्थानीय स्तर पर लगभग दर्जनभर संक्रमित हुये थे. जितने की भी रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई वे सभी बाहर से आने वाले मरीज हैं. उन्होने कहा कि आगे भी हमें अपने जिले के भीतर संक्रमित ना हो इसके लिये प्रशासन को आमजन के सहयोग की जरूरत हैं. बाहर से आने वाले व्यक्ति स्वंय या परिजन उसके आने की जानकारी देवें. जिससे की वह व्यक्ति एवं उसका परिवार भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रह सके.
कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि जिन 144 मरीज संक्रमित निकले थे उसमें से 106 मरीज ठीक होकर घर लौट गये हैं. इस समय 38 एक्टिव केस हैं और उनका उपचार किया जा रहा हैं. इन 144 संक्रमितों में देखा जाये तो सर्वाधिक महाराष्ट्र मुंबई से आने वाले 38 सदस्यों की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई हैं. इसी तरह से हैदराबाद, बैंगलोर, चौन्नई से 32 सदस्य, विदेश से 10, यूपी एवं नार्थ से 19 सदस्यों, एमपी-सीजी से 15 को कोरोना निकला हैं. इन कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखें तो बालाघाट में स्थानीय स्तर पर किसी को कोरोना नहीं निकला, अगर निकले हैं तो सभी बाहर से आये हैं. अब आगे इसे नियंत्रित करने के लिये बाहर से आने वाले हर व्यक्ति या परिवार या उनसे जुड़े लोगों से आग्रह हैं कि वह अपने आने की जानकारी प्रशासन को अवश्य देवें एवं होम क्वारेंटाईन ना होते हुये सीधे प्रशासन के नियत क्वारेंटाईन सेंटर में ही क्वारेंटाईन होंगे.
कलेक्टर श्री आर्य ने स्पष्ट किया कि अब बाहर से आने वालों को होम क्वारेंटाईन नहीं किया जायेगा. इससे संक्रमण बढ़नें की संभावना हैं. इसके एवज में प्रशासन के नियत क्वारेंटाईन सेंटर में उन्हें रखा जायेगा. प्रशासन ने ऐसे क्वारेंटाईन सेंटर नियत भी कर दिये हैं. जिसमें उन्हें उनकी सुविधा के अनुसार रहने की सुविधा मिलेगी. प्रशासन की ओर तीन स्तर पर ठहरने की व्यवस्था बनायी गई हैं. खासकर बाहर से आने वाले की आर्थिक क्षमता के मुताबिक क्वारेंटाईन सेंटर में रहने की व्यवस्था बनाई गई है और यह उस व्यक्ति को स्वतः सुनिश्चित करनी हैं कि वह किस सेंटर में रहना चाहते हैं. जैसे शहरी क्षेत्र में तीन नीजी होटल को रहने के लिये 13 सौ और 12 सौ रूपये प्रतिदिन के किराये पर लिया गया हैं जो कि प्रतिदिन की दर से उसी व्यक्ति को वहन करने होगें. जिसमें उसे खाने सहित अन्य सुविधा मिलेगी. इसके अलावा शासकीय स्तर पर 150 रूपये खाने के प्रतिदिन के खर्च पर शासकीय हॉस्टल को उपलब्ध कराया जा रहा हैं. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जो अपना खर्च स्वयं नहीं उठा सकते हैं उनके लिये भी अलग से सेंटर बनाये गये हैं. जहां पर प्रशासन उनके लिये निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करेगा.
कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि जिले से अनावश्यक कोई भी व्यक्ति बाहर ना जाये और जाना हैं तो वह कोविड गाईडलाईन का पालन करें. उन्होने बताया कि व्यापार या अन्य विषय के साथ बाहर जाने वालों को भी प्रशासन इस समय सूचीबद्ध कर रहा हैं. आमजन के सहयोग के बगैर कोरोना पर नियंत्रण संभव नहीं हैं. प्रशासन ने ग्रामीण या शहरी सभी के लिये नियत मापदंड के साथ में कोरोनटाइन सेंटर नियत किये हैं. वहां पर उन्हें अपने व परिवार की सुरक्षा के लिये कोरोनटाईन होना आवश्यक हैं. इससे इतने कम खर्च में उनकी व परिवार की सुरक्षा हो रही हैं. मीडिया से चर्चा के दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती रजनी सिंह, अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी भी मौजूद रहे.