सत्य की असत्य पर जीत का पर्व दशहरा पर किया गया रावण दहन,दो साल बाद जिले में रावण दहन देखने उमड़ा जनसैलाब, बीमारी से बचाव पर भारी आस्था

बालाघाट. 15 अक्टूबर शनिवार को पूरे जिले सहित मुख्यालय में सत्य की असत्य पर जीत का पर्व दशहरा धूमधाम से मनाया गया. नगर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में कोरोना के दो साल बाद जनसैलाब रावण दहन देखने उमड़ा था. इस दौरान कोरोना महामारी से बचाव को लेकर जारी नियम पर आस्था भारी रही. पूरे आयोजन में सोशल डिस्टेंस और मॉस्क का पालन का कोई खास असर देखने नहीं मिला. हजारों की तादाद में जुटे लोग, रावण दहन स्थल उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान में सत्य के प्रतिक भगवान श्रीराम के हाथो असत्य के प्रतिक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के दहन के साक्षी बने. हालांकि सालों के इतिहास में पहली बार इस वर्ष रावण दहन सूर्यास्त के काफी देरबाद लगभग 7. 20 मिनट पर किया गया.  

प्रदेश में कोरोना महामारी के दृष्टिगत चल समारोह को प्रतिबंधित किया था लेकिन आस्था के सामने प्रतिबंध से परे हटकर महावीर सेवादल समिति द्वारा भव्य रूप से दशहरा चल समारोह सायंकाल 4. 30 बजे नगर के नये श्रीराम मंदिर से भगवान श्रीराम की शोभायात्रा और हनुमान स्वरूप महाराजजी के साथ निकाला. जो शहर के नये श्रीराम मंदिर से होकर शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए रावण दहन स्थल पहुंचा. जहां विधिविधान से भगवान श्रीराम के रामबाण से लंकापति रावण के प्रतिक स्वरूप पुतले का दहन किया गया.  

दशहरा चल समारोह और रावण दहन को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. जहां रावण दहन स्थल के आसपास पुलिसकर्मी तैनात थे, वहीं दशहरा चल समारोह में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे.  

असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयादशमी दशहरा शनिवार को धूमधाम से मनाया गया. नगर मुख्यालय में आयोजित दशहरा चल समारोह में युवा साधक शिवम सचदेव ने हनुमान का स्वरूप धारण करते हुए 40 किलो वजनी मुकुट धारण कर अपनी वानरसेना के साथ भगवान श्रीराम की शोभायात्रा के सामने-सामने चलते हुए नये श्रीराम मंदिर से नगर भ्रमण करते हुए रावण दहन स्थल तक का सफर पूरा किया.  

प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महावीर सेवादल समिति सहित श्रीराम मंदिर दशहरा उत्सव समिति द्वारा असत्य पर सत्य की जीत के दशहरा पर्व पर दशहरा चल समारोह और रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाथ के पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया गया था. महावीर सेवादल समिति द्वारा मनाये जाने वाले दशहरा चल समारोह का मुख्य आकर्षण हनुमान महाराज का स्वरूप धारण करने वाले जीवंत हनुमानजी होते है. जो इस वर्ष युवा शिवम सचदेव ने धारण किया था. जो दशहरा में निकलने वाले चल समारोह में भगवान श्रीराम शोभायात्रा के आगे अपनी सेना के साथ 40 किलो वजनी हनुमान स्वरूप मुकुट धारण कर दशहरा चल समारोह की अगुवाही कर रहे थे. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तगणो ने मौजूद रहकर  जय जय श्रीराम और जयवीर महावीर के जयघोष से नगर को गंुजायमान किया.  

हालांकि आयोजित दशहरा चल समारोह में इस वर्ष झांकियों कम रही. दशहरा चल समारोह मंे आयोजक महावीर सेवादल समिति, वानर सेना, दशहरा उत्सव समिति के अलावा नगरवासियों एवं राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधियों सहित समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे. नये श्रीराम मंदिर से प्रारंभ हुआ दशहरा चल समारोह सर्वप्रथम हनुमान चौक से दुर्गा मंदिर पहुंचा जहां साधक शिवम के द्वारा मातारानी से आर्शीवाद प्राप्त किया मातारानी के दर्शन के बाद वानर सेना संग साधक शिवम हनुमान चौक स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे. जहां उन्होने हनुमान जी से आर्शीवाद प्राप्त किया. इसके पश्चात यह चल समारोह रावण दहन के लिये नगर के मुख्य मार्ग से उत्कृष्ठ विद्यालय मैदान पहुंचा. इस दौरान नगर में जगह-जगह पुष्पवर्षा से चल समारोह का स्वागत भी किया गया. नगर के उत्कृष्ठ विद्यालय मैदान में  प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण सहित वीर हनुमान ने अहंकारी रावण, कंुभकर्ण और मेघनाथ का वध किया. रावण दहन के साथ ही पुरा मैदान जयश्रीराम, जय हनुमान के नारों से गुंजायमान हो उठा.


Web Title : RAVAN DAHAN CELEBRATED ON DUSSEHRA, TWO YEARS LATER, PEOPLE THRONG DISTRICT TO WITNESS RAVAN DAHAN, FAITH IN PREVENTION OF DISEASE