आश्वासन पर टूटी अध्यापकों की हड़ताल, निलंबन के भय से आंदोलन से कूच कर गये अध्यापक

बालाघाट. एक बार फिर आजाद अध्यापक संघ की हड़ताल से क्रमिक भुख हड़ताल पर परिवर्तित हुआ आंदोलन को आश्वासन के बाद खत्म हो गया है. निलंबन के भय से अध्यापक आंदोलन से कूच कर गये है. प्रांतीय और स्थानीय पदाधिकारियों से आयोग अध्यक्ष की चर्चा के बाद मांगे इनका अधिकार है, मांगो पर सरकार के विचार के आश्वासन के बाद अध्यापक साथियों ने अपनी 17 दिनो से चली आ रही हड़ताल को वापस ले लिया है.  

कल से जिले में स्कूलो में पढ़ाई व्यवस्था सुचारू हो जायेगी. मांगो पर सरकार के विचार के साथ ही निलंबित शिक्षकों को बहाल करने का आश्वासन, संघ को मिला है. शासन के प्रतिनिधि से चर्चा के बाद भी अध्यापक साथियों का आरोप है कि सरकार ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे, अध्यापकों को निलंबित कर दमनकारी नीति अपनाई है. हालांकि यह सरकार का विवेक है कि वह किसे प्राथमिकता देती है. फिलहाल अध्यापक संघ जिलाध्यक्ष आशीष बिसेन ने कहा कि आयोग अध्यक्ष से चर्चा और उनसे मांगो को लेकर सरकार के विचार किये जाने के आश्वासन और आगामी एक अक्टूबर को स्थानीय समस्याओं पर प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक कर समस्याआंे के निराकरण का भरोसा दिलाया गया है. जिसके बाद वह आंदोलन को आज से ही खत्म कर रहे है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने सरकार की निलंबन नियत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हजारों शिक्षक हड़ताल पर रहे और सरकार ने बिना क्राईटेरिया अपनाये कुछ साथियों का निलंबन किया. जो समझ से परे है और हम सरकार की दमनकारी नीति की निंदा करते है.  

आयोग अध्यक्ष ने कहा कि अध्यापक संघ की कर्मचारी की मूल मांग पुरानी पेंशन, भारत सरकार और प्रदेश सरकार का अंश होता है, मोदी जी ने कुछ समझकर फैसला लिया होगा. स्थानीय मांगो पर कलेक्टर, आदिवासी आयुक्त, डीईओ और वित्तीय प्रभार वाले प्राचार्यो के साथ एक अक्टूबर को बैठकर मांगो पर चर्चा की जायेगी. उन्होंने कहा कि मांग करना इनका अधिकार है, विचार करना सरकार का काम.  


Web Title : TEACHERS STRIKE BREAKS ON ASSURANCE, TEACHERS MARCH FROM AGITATION FEARING SUSPENSION