ठगो ने पीड़ितो से की 7 लाख रूपये की ठगी, शासकीय योजनाओ में अनुदान दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गये जेल

बालाघाट. स्वयं को कभी मत्स्य विभाग का उपसंचालक, कभी कलेक्ट्रेट और जिला पंचायत का अधिकारी बताकर जिले के दर्जनों किसानों से शासन और मत्स्य विभाग की योजनाओ के माध्यम से ट्रेक्टर, जेसीबी खरीदने और तालाब निर्माण मंे अनुदान दिलाने के नाम पर किसानों से लाखो रूपयो को ठगी करने वाले दो आरोपी बालाघाट निवासी संतोष धुर्वे और कटंगी थाना अंतर्गत जरामोहगांव निवासी रहूप खान ने पुलिस के सामने पूछताछ में 5 से 7 लाख रूपये की ठगी किये जाने का अपराध स्वीकार किया है. हालांकि आरोपियों के पकड़ाये जाने के बाद इन ठगो से ठगे गये भोले-भाले किसान शिकायतकर्ता के रूप में सामने आ रहे है, जिससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि ठगो द्वारा लोगों से ठगी किये गये रूपयों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.  

25 सितंबर को वारासिवनी पुलिस द्वारा किसानों से शासन और मत्स्य विभाग की योजनाओ के माध्यम से ट्रेक्टर, जेसीबी खरीदने और तालाब निर्माण मंे अनुदान दिलाने के नाम पर किसानों से लाखो रूपयो को ठगी करने वाले दोनो आरोपी संतोष धुर्वे और रहूप खान को पुलिस ने 26 सितंबर को माननीय न्यायालय में पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया है.  

बताया जाता है कि उक्त दोनो ठगो द्वारा बालाघाट सहित लालबर्रा, वारासिवनी और कटंगी सहित अन्य क्षेत्र के ग्रामीण अंचलो में पहुंचकर अपने लोक लुभावन वादे के साथ भोले-भाले किसानों को ªेक्टर, जेसीबी खरीदने और तालाब निर्माण मंे अनुदान दिलाने के नाम पर ठगने का काम किया है, जिनका भांडा मत्स्य विभाग के पास आ रही शिकायतों के बाद फूट गया.  

गौरतलब हो कि गत 24 सितंबर को ही मत्स्य विभाग के उपसंचालक श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे द्वारा इस आशय की आशंका जाहिर करते हुए मत्स्य पालकों से ऐसे ठग गिरोह से सावधान रहने की अपील की थी, जो मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम से लोगों से हजारों रूपये लेकर ठगी कर रहे थे. जिसकी जानकारी मत्स्य विभाग द्वारा पुलिस को भी दी गई थी.  

इस मामले में वारासिवनी थाना अंतर्गत तुमाड़ी के किसान गणेश कुमरे और मिश्रीलाल पटले द्वारा की गई शिकायत पर वारासिवनी पुलिस ने धारा 420,34 के तहत वारासिवनी पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था. जिसके बाद पुलिस इन ठगो की सरगर्मी से तलाश कर रही थी. जिन्हें गत दिवस बालाघाट मुख्यालय के कृष्णा काम्पलेक्स से गिरफ्तार किया गया था. चूंकि ठगो द्वारा शासन की योजनाओं में मॉजिन मनी लेकर अनुदान दिलाने के नाम पर की गई ठगी का मामला वारासिवनी थाने में दर्ज था. जिसके चलते बालाघाट कोतवाली पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बाद उन्हें वारासिवनी पुलिस के सुपुर्द कर दिया था. जिसके बाद वारासिवनी पुलिस ने विधिवत थाने में दर्ज अपराध में आरोपियों को  गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई थी.  

जिसमें पुलिस को पता चला कि ग्रामीण अंचलो में भोले-भाले किसानों को ट्रेक्टर, जेसीबी खरीदने और तालाब निर्माण मंे अनुदान दिलाने के नाम पर ठगी किया करते थे और हर जगह इनके द्वारा स्वयं को अलग-अलग अधिकारी बताकर ठगी की गई. पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अब तक किसानों से 5 से 7 लाख रूपये की ठगी की है. हालांकि पुलिस की मानें तो जैसे-जैसे शिकायतकर्ता सामने आ रहे है, उससे आरोपियां द्वारा ठगी किये गये राशि की संख्या भी बढ़ सकती है. वारासिवनी पुलिस के पास अब तक 8 से 10 पीड़ितों ने उनके खिलाफ पुलिस में ठगी किये जाने की शिकायत की है.  

बताया जाता है कि दोनो ही शातिर ठग शासकीय योजनाओं से ट्रेक्टर, जेसीबी खरीदने और तालाब निर्माण मंे अनुदान दिलाने के नाम अलग-अलग मॉजिन मनी लिया करते थे. मसलन जेसीबी खरीदने के लिए मॉर्जिन मनी डेढ़ लाख और तालाब निर्माण के लिए मॉजिन मनी 32 हजार रूपये थी. जिन्हें कई पीड़ितो ने अपनी खेती बेचकर खुन-पसीने की कमाई लाभ के लालच में दी थी लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि वह तो ठगे गये है.  

इस मामले में पुलिस ने अन्य पीड़ितो से भी अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति उक्त ठगों द्वारा ठगा गया है तो इसकी जानकारी पुलिस को दे सकते है.  

पुलिस खंगालेगी आरोपियों के कॉल डिटेल्स

वारासिवनी पुलिस की मानें तो आरोपियों ने पूछताछ में लोगों से ठगी करना स्वीकार किया है. जो अलग-अलग तरीके से लोगों को विभिन्न योजनाओे में अनुदान दिलाने के नाम पर मॉजिन मनी लेकर ठगी करते थे. पुलिस अब इनके कॉल डिटेल को खंगाल रही है, जिससे भी पता चल सकें कि आरोपियों ने आखिर किसके संरक्षण में, कितनों को ठगा है. बताया जाता है कि कॉल डिटेल्स के आधार पर भी पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है.  


इनका कहना है

आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद माननीय न्यायालय में पेश कर जेआर पर जेल भिजवा दिया गया है. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि यह भोले-भाले लोगों को शासन की विभिन्न योजनाओ में अनुदान दिलाने के नाम पर उनसे मॉजिन मनी ले-लेते थे. पुलिस के पास 8 से 10 पीड़ित ऐसे आये है, जिनसे आरोपियों ने ठगी की है. जिनके कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है. आरोपियों ने 5 से 7 लाख रूपये की ठगी किये जाने की बात स्वीकार की है. मामले की जांच जारी है, आगामी विवेचना में ठगी की राशि बढ़ भी सकती है.

नीरज कुमार मेड़ा, थाना प्रभारी, वारासिवनी थाना


Web Title : THAKGO CHEATED 7 LAKH RUPEES FROM VICTIMS, JAILED FOR GETTING GRANTS IN GOVERNMENT SCHEMES