बालाघाट-नैनपुर मार्ग पर एक घंटे जाम रहा आवागमन, मणिपुर और आदिवासी घटनाओं के विरोध में सड़क पर बैठे आदिवासी संगठन

बालाघाट. मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कराये जाने की घटना हो या फिर मध्यप्रदेश में एसडीएम द्वारा आदिवासी बालिका छात्रावास में छात्राओं से अश्लील हरकत, सीधी में आदिवासी पर मूत्र विसर्जन सहित आदिवासी समाज में घटित घटनाओं के खिलाफ राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने बालाघाट-नैनपुर मार्ग पर मगरदर्रा और तुमड़ीटोला के बीच चक्काजाम प्रदर्शन किया. परिषद के इस प्रदर्शन में बहुजन क्रांति मोर्चा,भारत मुक्ति मोर्चा सहित विभिन्न संगठनो से जुड़े लोग प्रदर्शन में शामिल रहे. जिसके कारण इस मार्ग पर लगभग एक घंटे तक आवागमन बाधित रहा और दोनो और वाहनों की कतार लग गई. घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियांे को समझाईश दी. जिसके बाद ज्ञापन देकर प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया. तब कहीं जाकर मार्ग पर आवागमन सुचारू हो सका और लोगों ने राहत की सांस ली.

प्रदर्शन कर रहे आदिवासी संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर गंभीर नहीं है. मणिपुर में लगातार हिंसा हो रही है और इसी हिंसा के बीच महिलाओं को निर्वस्त्र किये जाने की घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. बावजूद इसके अब तक केन्द्र और मणिपुर सरकार कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाकर इस घटना में संलिप्त लोगों को मृत्युदंड दिया जाये. वहीं प्रदेश में एसडीएम द्वरा छात्रावास में आदिवासी बालिकाओ के साथ अश्लील हरकत की घटना में पॉस्को और एससी, एसटी एक्ट के बावजूद आरोपी एसडीएम की जमानत हो जाने, मनुवादी सोच की तरह दलित पर मूत्र विसर्जन करने की घटना सहित लगातार आदिवासियों पर अत्याचार की घटनायें हो रही है और सरकारें मूक दर्शक बनी बैठी है.

संगठन पदाधिकारियों ने मांग की कि आदिवासियों के एक्ट में कड़े प्रावधान किया जायें ताकि आदिवासियों के साथ शोषण, अत्याचार करने वालों पर सख्त से सख्त सजा मिल सके. इसके साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी पर हो रहे अत्याचारों पर अंकुश लगाये जाने की मांग की गई.  पदाधिकारियों का कहना था कि राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद द्वारा चरणबद्ध आंदोलन किए जा रहे हैं इसके पूर्व जिला मुख्यालय और तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपा गया है. रैली निकालकर दोषियों पर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं होने से उन्हें आज चक्काजाम प्रदर्शन करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि यदि मामले में इंसाफ नहीं मिला तो पीड़ित एसटी, एससी ओबीसी को न्याय दिलाने उग्र आंदोलन किया जायेगा.   प्रदर्शन के दौरान सभी संगठनों ने एक मांग पत्र सौंपा. जिसमें नए फॉरेस्ट एक्ट को समाप्त करने, मणिपुर में जारी हिंसा पर लगाम लगाने, आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति को बचाने, उनका संरक्षण करने, आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन से बेदखल ना करने, एससी, एसटी ओबीसी के लोगों पर दर्ज फर्जी एफआईआर हटाने सहित एसटी एससी ओबीसी के अधिकारों की सुरक्षा एवं संरक्षण करने और शोषण अत्याचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की.  


Web Title : TRAFFIC JAM ON BALAGHAT NAINPUR ROAD FOR AN HOUR, TRIBAL GROUPS SIT ON ROAD TO PROTEST AGAINST MANIPUR AND TRIBAL INCIDENTS