शहर के एक निजी हॉस्पिटल में मरीज के मृत होने के बाद भी चलता रहा ईलाज! कांग्रेस नेता महेश सहारे ने लगाया आरोप, परिजनों ने की पुलिस में शिकायत, अस्पताल प्रबंधन कह रहा ब्लैकमेलिंग कर रहे परिजन

बालाघाट. आदिवासी बाहुल्य बालाघाट जिले में पैसे के अभाव में स्वास्थ्य सेवा को लेकर मानवता खत्म हो गई है, बस चिकित्सक और अस्पताल, मरीजांे को लुटने का अड्डा बन गए है. जहां भर्ती मरीजों को ईलाज के नाम पर मनमाने बिल थमाकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है, हालत यह है कि मरीज की मौत के बाद भी उसके ईलाज करने की बात कही जा रही है. ताजा मामला इसी से जुड़ा है, बालाघाट के भटेरा स्थित पुराने बालाघाट हॉस्पिटल को बजाज हॉस्पिटल ने टेकओवर कर, अब इसका संचालन अपने अनुसार किया जा रहा है. जिस पर आरोप है कि उसने कुत्त के काटने के बाद बीमार हालत में भर्ती की गई महिला का मृत हालत में भी उपचार किया. जब इसका पता चला तो अस्पताल और दवाओं का बिल देने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने दबाव बनाया और अब वह बिल की राशि नहीं मिलने पर मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है. जिस पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ. श्याम रंगलानी ने बताया कि परिजन अस्पताल को ब्लैकमेल करने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगा रहे है.  फिलहाल यह मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया है, थाने मंे रामपायली निवासी मृतक राधनबाई के परिवार वालों ने कांग्रेस नेता महेश सहारे के साथ पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन की शिकायत की और राधनबाई की भर्ती अवधि में की गई जांच और चिकित्सक तथा स्टॉफ की जांच किए जाने की मांग की.

पुत्र शुभम कुशराम ने बताया कि 02 मार्च को मां को कुत्ते के काटने से बीमार होने पर चेक कराने के लिए बजाज हॉस्पिटल लेकर आए थे. जहां चिकित्सक ने देखकर उन्हें सीधे आईसीयु में भर्ती कर दिया. जिसके बाद ईलाज के लिए वह दवायंे लिखते रहे और हम लेकर देते रहे. लेकिन इस दौरान कभी उन्होंने नहीं बताया कि क्या लग रहा है और कैसी रिपोर्ट है, केवल इतना कहा कि मरीज की हालत में सुधार हो रहा है. यही नहीं हम उनसे मिलना चाहते थे तो मिलने नहीं दिया जाता था. पापा जब मिलने गए थे तो उन्हें हाथ लगाने से मना कर दिया, लेकिन पापा, मां का शरीर सफेद नजर आने पर समझ गए कि मां की मौत हो गई. बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें नहीं बताया. 03 मार्च को अस्पताल प्रबंधन ने मां के ईलाज के लिए और राशि जमा करने कहा, चूंकि गरीब होने के कारण हम राशि देने में असमर्थ थे तो हमने कहा कि हम उन्हें शासकीय अस्पताल ले जाना चाहते है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन सुधार की बात कहकर मना करता रहा और रात उनकी मां की मौत होने की खबर दी. जिसका शव हम 04 मार्च को लेकर गए. जिसके बाद अब हमें अस्पताल प्रबंधन, ईलाज की राशि जमा करने पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र देने की बात कर रहा है. जिसको लेकर हम लगातार अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर थाना इसकी शिकायत करने पहुंचे है.

कांग्रेस नेता महेश सहारे का सीधा आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों की मर्जी के बिना महिला को आईसीयू में भर्ती कराया. जिसके ईलाज के लिए गरीब परिजनों ने आर्थिक क्षमता अनुसार ईलाज के लिए राशि खर्च की, लेकिन जब राशि नहीं होने पर परिजन, मरीज को लेकर शासकीय अस्पताल जाने की बात करने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की मौत होने की जानकारी दी. जिससे साफ है कि महिला की मौत के बावजूद ईलाज के नाम पर आर्थिक लाभ कमाने, अस्पताल प्रबंधन, ईलाज की बात करता रहा और जब मरीज के परिजन राशि जमा करने में असमर्थ दिखाई दिए तो जिस महिला में पहले सुधार की बात कही जा रही थी, उसकी मौत होने की खबर परिजनों को मिली. उन्होंने कहा कि इस मामले मंे पूरी जांच की जाए और गरीबों को ईलाज के नाम पर लूटने वाले अस्पताल प्रबंधन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए.

इस मामले मंे अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ. श्याम रंगलानी ने बताया कि 2 मार्च को परिजन महिला को लेकर आए थे. जिसकी मौत होने पर परिजनों के इस आश्वासन शव मानवता के नाते सौंपा गया था, कि वह अस्पताल में ईलाज के दौरान दवा और अस्पताल की राशि का भुगतान कर देंगे. जब वह काफी दिनों बाद भी नहीं आए तो हमने संपर्क किया तो उन्होंने फिर जवाब दिया कि वह राशि दे देंगे. जिसके बाद गत दिनों मुझे मृतिका के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फोन आया था. जिसमें भी मैने आश्वस्त किया था कि नो-ड्यूज के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा. इसी बीच उन्होंने हमें ब्लैकमेल किया  िवह मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देंगे तो हम शिकायत पुलिस में कर देंगे. उन्होने एक सवाल के महिला का उपचार डॉ. सुष्मित द्वारा किया गया था और हमें नहीं पता था कि परिजन पुलिस मंे शिकायत करेंगे. जिसको लेकर हम भी आज थाने पहुंचकर अपनी ओर से आवेदन दिए है.


Web Title : TREATMENT CONTINUED IN A PRIVATE HOSPITAL IN THE CITY EVEN AFTER THE PATIENT DIED! CONGRESS LEADER MAHESH SAHARE ALLEGES FAMILY MEMBERS HAVE FILED A POLICE COMPLAINT