लामता थाना प्रभारी पर वर्दी का रौब दिखाकर किराया वसुली करवाने का आरोप, आदिवासी गोवारी समाज ने की लामता थाना प्रभारी को हटाये जाने की मांग

बालाघाट. लामता में शतानंद नामक व्यक्ति की दुकान के किराये पर लेकर संचालन करने वाले गोवारी समाज के युवक वीरेन्द्र नेवारे से लॉकडाउन अवधि का दुकान का किराये वसुली करने वर्दी का रौब दिखाकर लामता थाना प्रभारी द्वारा की गई मारपीट और अपराधिक मामले में फंसा देने की धमकी के मामले में पीड़ित के पक्ष में आज 27 अक्टूबर को जिला आदिवाासी गोवारी समाज और आदिवासी विकास परिषद ने संयुक्त होकर पुलिस अधीक्षक से लामता थाना प्रभारी दिनेश रावत को पद से हटाकर उनके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किये जाने की मांग की.

शिकायतकर्ता वीरेन्द्र नेवारे की की मानें तो ग्राम पंचायत लामता में मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना अंतर्गत दुकाने बनाई गई. जिसमें दुकान क्रमांक 4 शतानंद नामक व्यक्ति को आबंटित है, हालांकि यह दुकानें बेरोजगारों को दिये जाने के लिए बनाई गई थी, लेकिन तत्कालीन सांठगांठ के चलते यह दुकान शतानंद नामक व्यक्ति को मिल गई. जिसे बेरोजगार होने के कारण मैने उसे किराये पर लेकर उसमें एमपी ऑनलाइन का काम शुरू कर दिया था. वीरेन्द्र नेवारे के अनुसार लगभग 6 साल से वह शतानंद की दुकान को किराये पर लेकर अपने व्यवसाय का संचालन कर रहा था. जिसे वह बराबर मासिक किराया देता था. यह दुकान वीरेन्द्र नेवारे के भरण-पोषण का एकमात्र जरिया है, जिसे वह पूरी मेहनत से चला रहा था.

इस साल अप्रैल में कोरोना के कारण लॉक डाउन रहा. जिसके कारण वीरेन्द्र नेवारे की दुकान बंद रही. जिससे वीरेन्द्र नेवारे की आवक बंद हो गई और वह समय पर शतानंद को किराये जमा नहीं कर सका. जिसको लेकर दुकान मालिक शतानंद द्वारा लॉकडाउन के दौरान बंद रही दुकान का किराया एकमुश्त देने का वीरेन्द्र नेवारे पर दबाव बनाया,  जिसके लिए उसने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए लामता थाना प्रभारी की मदद ली. 6 सितंबर को शतानंद के कमरे के किराये को लेकर मुझे थाना बुलवाया गया. जहां थाना प्रभारी दिनेश रावत द्वारा मुझ पर दबाव बनाते हुए मुझे किराये नहीं देने पर गाली, गल्लौज कर मारपीट की गई और शतानंद को एकमुश्त किराये देने कहा. साथ ही धमकाया कि यदि किराया नहीं दिया तो वह मुझे किसी झूठे मामले में फंसा देंगे. इस दौरान शतानंद ने मुझसे कोरे कागज में एक माह के भीतर किराये की राशि जमा करने का जबरन लेख करवाते हुए हस्ताक्षर लिये गये.

पीड़ित वीरेन्द्र नेवारे की मानें तो आर्थिक परेशानियों से जब मैं किराये की राशि नहीं दे सका तो 22 अक्टूबर को फिर थाना प्रभारी के ईशारे पर दुकान आये पुलिसकर्मियों ने उसे जबरन उठाकर थाने ले गये, जहां उसके साथ गाली, गल्लौज कर मारपीट की गई और एक घंटे के भीतर राशि जमा करने कहा गया. जिससे घबराकर मैने रिश्तेदारों और परिचितों से लेकर 13 हजार रूपये शतानंद को दिये. जिसके बाद वह दुकान को खाली करने के लिए मुझ पर दबाव बना रहे है.  

लामता में पीड़ित वीरेन्द्र नेवारे के साथ हुई इस घटना से नाराज आदिवासी गोवारी समाज और आदिवासी विकास परिषद के लोग पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंचे. जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आम जनता में वर्दी का रौब दिखाकर और पद का दुरूपयोग करने वाले लामता थाना प्रभारी दिनेश रावत को लामता थाने से हटाये जाने और उनके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की. आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने कहा कि दबंगो का सहारा लेकर आम व्यक्ति से वसुली की बात सुनी थी किन्तु अब पुलिस भी ऐसा कर रही है, जो चिंतनीय है और जनसेवा, देशभक्ति की बात करने वाली पुलिस की अनैतिक गतिविधि है, जिस पर तत्काल उन्हें पद से बर्खास्त कर उन पर कार्यवाही की जानी चाहिये. आदिवासी गोवारी समाज संगठन जिलाध्यक्ष महेश सहारे ने कहा कि पुलिस की कार्यवाही से पीड़ित वीरेन्द्र काफी डरा है, पुलिस की यह कार्यवाही निंदनीय है, पुलिस की ऐसी कार्यप्रणाली से आम जनता में अच्छा संदेश नहीं जाता है, जिसके चलते सामाजिक रूप से पीड़ित को प्रताड़ित और धमकाने वाले थाना प्रभारी पर कार्यवाही की मांग की गई है और यदि ऐसा नहीं होता है तो इसके खिलाफ आदिवासी गोवारी समाज, पीड़ित को न्याय दिलाने सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा.

इस दौरान हीरालाल सहारे, शैलेन्द्र आमाडारे, राजेश कारसर्पे, अशोक वाघाड़े, किशोरी सोनवाने, सुखराम नागोसे, रामेश्वर सोनवाने, तिलकचंद येशने, परमानंद नागोसे, मनोज आमाडारे, अर्जुन शेंद्रे, कन्हैयालाल राऊत, श्यामकुमार राऊत, गनपत राऊत, पूनाराम नेवारे, शिवलाल नागोसे, श्रीमती रजनी नेवारे, शीला नागोसे, सुनील राऊत, परवेज खान, निशान खान, दिनेश चौधरी, प्रेमचंद नेवारे सहित अन्य सामाजिक बंधु उपस्थित थे.


Web Title : TRIBAL GOWARI SAMAJ DEMANDS REMOVAL OF LAMTA THANA INCHARGE BY SHOWING UNIFORM ON THE LAMTA THANA INCHARGE