कौन सच्चा-कौन झूठा: बोट को लेकर पूर्व जनपद अध्यक्ष और पालिका अध्यक्ष आमने-सामने, बोट की मालिक नपा खामोश

बालाघाट. नगरपालिका की संपत्ति, बोट के गायब होने का मामला जब अखबारों की सुर्खियो में आया तो झाड़गांव के तालाब मालिक और पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे ने बोट को तालाब तक पहुंचाने मंे पूर्व नपाध्यक्ष विक्की पटेल को जिम्मेदार बताया. जिसके जवाब में पूर्व नपाध्यक्ष विक्की पटेल ने इसे चोरी का मामला करार देते हुए, झाड़गांव के तालाब तक बोट ले जाने के आरोप से हीं इंकार कर दिया. गायब बोट के तालाब में पाये जाने के मामले मंे पूर्व जनपद अध्यक्ष और पूर्व नपाध्यक्ष आमने-सामने आ गये है, लेकिन बोट की मालिक नपा खामोश है.  जबकि जानकारों का मानना है कि इस मामले में बोट चोरी होने की शिकायत नपा सीएमओ द्वारा दर्ज कराकर, पूरी जांच पुलिस से करवाई जानी चाहिये ताकि कौन सच्चा और कौन झूठा, इसका पता चल सके.  

गत दिवस प्रेसवार्ता में पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे ने बताया कि 2016 में उनका तालाब बना था और यहां अपने साथियो के साथ शौक पानी करने आने वाले तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष विवेक पटेल ने नगरपालिका की बोट को उनके तालाब में लाया था. जिस तरह से उन्हें लाया था वह ले जा ले या नगरपालिका ले जाये, उस बोट से उनका कोई लेना देना नहीं है. जिसके जवाब में विक्की पटेल ने प्रेसवार्ता में कहा कि नगरपालिका की गायब बोट, झाड़गांव निवासी के व्यक्तिगत तालाब में पाई गई है. जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, इस मामले में चोरी का अपराध दर्ज करवाकर जांच की जाये. यदि अन्य किसी के पास बोट मिल जाती तो उस पर चोरी का अपराध दर्ज कर लिया जाता, लेकिन क्षेत्रीय विधायक के शागिर्द होने के कारण दबाव में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. दुःख की बात है कि अपराधियों को बचाने का प्रयास हो रहा है. जबकि पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे ने स्वीकार किया है कि बोट उनके तालाब में है. आखिर किसके दम पर चिंतामन नगपुरे दंभ भरकर स्वीकार रहे है. उन्होंने कहा कि इस मामले मंे वह विधि सलाहकार से सलाह कर पूर्व जनपद अध्यक्ष चिंतामन नगपुरे के खिलाफ मानहानि का मामला करेंगे.   उन्होंने कहा कि शंकर तालाब सूख गया है, जबकि इसके भरने से जलस्तर बना रहता है. नगरपालिका में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है. 7 से 8 लाख रूपये की टॉय ट्रेन को 18 लाख रूपये का बताया जा रहा है, संपति कर, लीज किराया बढ़ गया है.  

उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में कोई बोट नहीं खरीदी गई. तत्कालीन अध्यक्ष स्मिता जायसवाल के कार्यकाल में बोट खरीदी गई थी. चार बोट चलती थी, जो बंद हो गई, उसके बाद पता नहीं कहां चली गई. हमें आशंका है कि भविष्य में रेल का डब्बा भी कहीं ना मिलें.  उन्होंने विधायक जायसवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायक जायसवाल के संरक्षण में नगरपालिका में अफरातफरी हो रही है, जिन्हें हमने निर्दलीय विधायक बनाया, वह बिक गये. अब चुनाव आ रहे है तो कांग्रेस में आने की इच्छा दिखा रहे है लेकिन अब बिका माला वापस नहीं होगा.  


Web Title : WHO IS TRUE AND WHO IS FALSE: FORMER DISTRICT PRESIDENT AND MUNICIPAL PRESIDENT FACE TO FACE OVER BOAT, BOAT OWNER NAPA SILENT