जब आवासीय भत्ता देना ही नहीं था तो क्यों कराया एक हजार रूपये खर्च,भीम आर्मी स्टुडेंट फेडरेशन ने किया प्रदर्शन, छात्रवृत्ति और सुविधा की मांग

बालाघाट. जिला एक पिछड़ा जिला है, शासकीय विभागो में कार्यरत कर्मियों को छोड़ दिया जाये तो जिले की अधिकांश आबादी खेती और मजदूरी पर निर्भर है और इन्हीं के बच्चे शासकीय स्कूलो और कॉलेजो में पढ़ते है, चूंकि जिला और तहसील मुख्यालय में कॉलेज होने से उच्च शिक्षा हासिल करने कॉलेजों तक आने के लिए विद्यार्थियों को लंबा सफर तय करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में उनकी पढ़ाई और आवागमन के खर्च के अलावा दैनिक जरूरतों की पूर्ति किसी भी खेतीहर और मजदूर परिवार के लिए मुश्किलों भरा होता है, बावजूद ऐसे परिवार पेट काटकर बच्चों को पढ़ाना चाहते है और बच्चे भी पढ़ना चाहते है. ऐसे परिवार और बच्चों के लिए पढ़ाई के दौरान मिलने वाली छात्रवृत्ति एक सहारा होती है लेकिन सरकार द्वारा अब छात्रवृत्ति के हकदारो को देने में की जा रही देरी से शिक्षा हासिल करने आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे छात्र, छात्राओं के सब्र का बांध टूटने लगा है. जिसको लेकर अब छात्र, छात्रायें मुखर होकर अपने हक और अधिकार के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करने मजबूर है.  

छात्रवृत्ति, महाविद्यालय में पुस्तकें और बस किराया में छात्र, छात्राओं को 50 प्रतिशत छूट देने की मांग को लेकर सोमवार 11 अक्टूबर को वारासिवनी में भीम आर्मी स्टुडेंट फेडरेशन जिलाध्यक्ष अंकिता शेंडे के नेतृत्व में महाविद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों ने मोर्चा निकाला और एसडीएम को अपनी 5 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा.

जिलाध्यक्ष अंकिता शेंडे ने बताया कि वारासिवनी महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र, छात्राओं द्वारा विगत काफी समय से महाविद्यालय प्रबंधन को अपनी विभिन्न मांगो को लेकर ध्यानाकर्षण करवाया जा रहा है लेकिन वर्तमान तक महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा उनकी किसी भी मांग का निराकरण नहीं किया गया. जिससे छात्र, छात्राओं में नाराजगी है और इसी नाराजगी को व्यक्त करने आज वह कॉलेज से बाहर निकालकर एसडीएम को ज्ञापन देने आये है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय छात्र, छात्राओं को बीते एक साल से छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है, एससी, एसटी छात्र, छात्राओं की छात्रवृत्ति में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है तो दूसरी और पूरी साल बीत जाने के बाद भी ओबीसी के छात्र, छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली. महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र, छात्राओं से पहले आवासीय भत्ता के नाम से 500 रूपये का फार्म और 500 रूपये का स्टॉम्प मंगाया गया. जिसके लिए छात्र, छात्राओं ने अतिरिक्त राशि भी खर्च की और जब फार्म भरें तो अब आवासीय भत्ता नहीं दिया जा रहा है, जब आवासीय भत्ता देना ही नहीं था तो छात्र, छात्राओं से एक हजार रूपये से ज्यादा की राशि खर्च क्यों कराई गई.  

छात्रनेता अंकिता शेंडे ने कहा कि हम सभी एससी, एसटी और ओबीसी छात्र, छात्राओं की मांग है कि जल्द से जल्द हमें छात्रवृत्ति प्रदान की जायें, आवासीय भत्ता प्रदाय किया जायें या फिर हमारे खर्च की राशि वापस लौटाई जायें, महाविद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्र, छात्राओं की पढ़ाई के लिए पुस्तके उपलब्ध करवाई जायंे, महाविद्यालय में दूरदराज से आने वाले छात्र, छात्राओं के लिए बस किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी जाये और महाविद्यालय में सभी संकाय की नियमित कक्षायें प्रारंभ की जायें.

इस ज्ञापन के माध्मय से भीम आर्मी स्टुडेंट फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों में मांगो का निराकरण नहीं किया गया तो स्टुडेंट फेडरेशन शासन और प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन और आंदोलन करेगा.  


Web Title : WHY DID THE BHIM ARMY STUDENT FEDERATION DEMONSTRATE, DEMAND SCHOLARSHIPS AND FACILITIES WHEN RESIDENTIAL ALLOWANCE WAS NOT TO BE PAID?