पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही पार्टी और उम्मीदवारों ने कसी कमर, भाजपा विकास तो कांग्रेस महंगाई के सहारे

बालाघाट. गांव की सरकार चुनने का समय आ गया है, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों के आरक्षण के ठीक दूसरे दिन 27 मई को मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी. जिसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता प्रभावी हो गई है. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के बालाघाट जिले की पंचायतों में तीन चरणों में चुनाव कराया जायेगा. जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है.

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण के लिए निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन तथा नाम निर्देशन पत्र, स्थानों (सीटो) के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन, मतदान केन्द्रो की सूची का प्रकाशन 30 मई को प्रातः 10. 30बजे से किया जायेगा. इसी तरह नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 6 जून तक प्रातः 10. 30 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक रखी गई है. नाम निर्देशन पत्रो की संवीक्षा 7 जून प्रातः 10. 30 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक की जायेगी. अभ्यार्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 10 जून अपरान्ह 3 बजे तक है. निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यार्थियो की सूची तैयार करने तथा निर्वाचन प्रतीको का आवंटन 10 जून 2022 को अभ्यार्थिता से नाम वापसी के ठीक बाद किया जायेगा.

जानकारी अनुसार बालाघाट जिले के विकासखंड बैहर, परसवाड़ा, वारासिवनी एवं खैरलांजी की पंचायतों में प्रथम चरण में 25 जून को मतदान कराया जायेगा. द्वितीय चरण में विकासखंड लांजी, किरनापुर एवं कटंगी की पंचायतों में 01 जुलाई  को और तृतीय चरण में विकासखंड बालाघाट, लालबर्रा एवं बिरसा में 08 जुलाई  को मतदान कराया जायेगा.

प्रथम चरण के लिए मतगणना 25 जून को, द्वितीय चरण के लिए मतगणना 01 जुलाई को तथा तृतीय चरण के लिए मतगणना 08 जुलाई को मतदान समाप्ति के तुरंत पश्चात मतदान केंद्र पर ही की जायेगी.

मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद जिला निर्वाचन आयोग भी पंचायत चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शितापूर्ण कराये जाने को लेकर जुट गया है.  

वहीं 8 साल बाद हो रहे पंचायत चुनाव को लेकर गांवो में उत्साह का माहौल है, वहीं आरक्षण के बाद बदली तस्वीर से कोई पत्नी की जगह स्वयं लड़ रहा है तो कहीं पत्नी और रिश्तेदारों को लड़ाने की तैयारी में है. संभावित उम्मीदवारों ने अपनी तैयारी भी प्रारंभ कर दी है. वहीं किसी भी तरह चुनावी मैदान को फतह करने में प्रत्याशी, पूरी ताकत झोंकने के अंदाज में नजर आ रहे है.  

इस चुनाव में जहां भाजपा, केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा कराये गये विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर गांव के मतदाता के बीच जायेगी. वहीं कांग्रेस ने महंगाई सहित केन्द्र एवं प्रदेश सरकारों की जनविरोधी नीतियों को लेकर मतदाताओं के बीच जायेगी.

सरकार एक हाथ से दे रही तो दोनो हाथ से निकाल रही है-प्रशांत मोहारे

पूर्व में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 02 से पत्नी श्रीमती दीपमाला मोहारे, जिला पंचायत सदस्य थी, जो हाल में आरक्षण के बाद अनारक्षित होे गई. जहां से अब उनके पति और कांग्रेस नेता प्रशांत मोहारे ने जनता के कहने पर चुनाव लड़ने वाले है. प्रेस से चर्चा करते हुए युवा प्रशांत मोहारे ने इस पंचायत चुनाव को लेकर बीते समय फार्म भरने के बाद ही ऐनवक्त पर स्थगित हुए चुनाव को लेकर आशंका जाहिर की है, हालांकि उनका कहना है कि इस बार सरकार, यदि चुनाव स्थगित करती है तो इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पूर्व में जब वह क्षेत्र के जनप्रतिनिधि रहे औैर फिर पत्नी जिला पंचायत सदस्य रही, उनका हमेशा उद्देश्य ग्रामीण पंचायतोें का विकास करने का रहा है और बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के उन्होेंने विकास किया है और इस बार भी विकास ही उनका मुद्दा है. उन्होंने कहा कि विकास के साथ ही महंगाई आज बड़ा मुद्दा है, महंगाई से आम गरीब, मध्यमवर्गीय और व्यापारी तक परेशान है. सरकार की उज्जवला योजना से मिले सिलेंडर गैस महंगी होने से घर के कोने में पड़े है और लकड़ियों से खाना बन रहा है. प्रधानमंत्री और किसान सम्मान निधि के नाम पर सरकार किसानों से एक हाथ से देकर, दोनो हाथोे से निकालने का काम कर रही है. रबी की फसल, को सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में नहीं खरीदने से वह कौड़ियों के दाम पर बिक रही है, तो वहीं डीएपी के दाम आसमान छू रहे है. जिससे आम गरीब, मध्यमवर्गीय और किसान परेशान है और सरकार का पंचायत चुनाव के माध्यम से सबक सिखाने तैयार है.

भाजपा जिला महामंत्री डॉ. नरेन्द्र भैरम ने बताया कि भाजपा विकास और जनकल्याणकारी योजनाओ को लेकर गांव की जनता के बीच जायेगी. केन्द्र और भाजपा सरकार ने पूरे देश और प्रदेश में अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति को शासन की योजनाओं से लाभांवित करने का काम किया है. फिर वह उज्जवला गैस योजना हो, प्रधानमंत्री एवं किसान सम्मान निधि हो, प्रधानमंत्री आवास हो या फिर अन्य जनकल्याणकारी योजनायें हो. जिससे आज हर कोई लाभांवित हो रहा है. यह विकास ही गांव में भाजपा की सरकार बनाने में मील को पत्थर साबित होगा.


Web Title : WITH THE ANNOUNCEMENT OF PANCHAYAT ELECTIONS, THE PARTY AND CANDIDATES HAVE COME TO A GRINDING HALT, BJP DEVELOPMENT, CONGRESS ON THE BASIS OF PRICE RISE