हरितालिका तीज पर महिलाओं ने किया गौर पूजन,पति की दीर्घायु और वर की मनोकामना को लेकर सुहागन महिलाओं और कुंवारी युवती रखा निर्जला व्रत, आज विराजेंगे भगवान गणेश

बालाघाट. पति की दीर्घायु और मनोवांछित वर पाने सुहागन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा 9 सितंबर को हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रखा रखकर प्रातः पावन सरोवर या कुंये के पास व्रतधारी महिलाओं और युवतियों द्वारा गौरपूजन किया गया और सायंकाल शुभमुहुर्त पर घर में बांस की कमचियों की बने मंडप के नीचे गौर रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिविधान से पूजा, अर्चना कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा मांगा.  

पति की दीर्घायु और मनोवांछित वर पाने के लिए सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा इस व्रत को निर्जला रूप में किया जाता है. यह व्रत वर्ष में एक बार आने वाला कठिन व्रत है, व्रत सभी सौभाग्यवती स्त्रियां निर्जला निराहार रहकर करती है, यह सबसे लंबी अवधि का व्रत माना गया है. जो सूर्योदय से शुरू होकर दूसरे दिन सूर्योदय तक उपासक निराहार निर्जला रहकर व्रत करते हैं रात्रि में जागरण कर चार पहर की पूजा होती है यह व्रत पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा कुंवारी युवतियां भी मनोवांछित वर की मनोकामना लिए यह व्रत करती है. व्रतधारी महिलाओं और युवतियों ने निर्जला व्रत रखकर रात मंे पूजन कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा.

9 सितंबर को मनाये गये हरितालिका तीज व्रत करने वाली महिलाओं ने प्रातः गौरपूजन किया गया. जिसके बाद घरो में सुंदर मंडप के नीचे गौर को विराजित कर उसका विधि, विधान से पूजन किया किया. पूजन में व्रतधारी महिलायें पांच प्रकार के व्यंजन अर्पित कर रेत से भगवान शंकर और पार्वती के अक्श को हल्दी, कुमकुम, चंदन, बेलपत्र और भगवान शंकर एवं माता पार्वती को चढ़ने वाले फल एवं सुहाग की सामग्री चढ़ाई जायेगी.

आज होगा गौर विसर्जन

हरितालिका तीज के आज दूसरे दिन 10 सितंबर को नगरीय क्षेत्र के पावन सरोवर और वैनगंगा नदी में व्रतधारी महिलाओं द्वारा विधिविधान से गौरपूजन कर उसका विसर्जन करेगी. इस दौरान बड़ी संख्या में प्रतिवर्ष व्रतधारी महिलाओं और युवतियों सहित परिवार के लोग गौर विसर्जन करने सरोवर और वैनगंगा नदी में पहुंचते है.  

आज विराजेंगे भगवान गणेश

हरितालिका तीज के दूसरे दिन गौर विसर्जन के बाद भगवान गणेश के 10 दिवसीय पर्व गणेशोत्सव का शुभारंभ हो जायेगा. भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि 10 सितंबर पूरे जिले में गणेशोत्सव की शुरूआत होगी. गणेश चतुर्थी पर विधि विधान से घर-घर में भगवान गणेश की स्थापना की जायेगी. 10 दिनों तक मनाये जाने वाले गणेशोत्सव पर्व को लेकर घरो में भक्ति का माहौल होगा. हालांकि इस वर्ष भी कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक स्थानों पर गणेश पंडालों की रौनक कम ही रहेगी. जगत के कल्याण के लिए भगवान गणेशजी, भगवान शिव और देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कैलाश पर भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र में प्रकट हुए थे. इसलिए इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अन्य किसी भी दिनों की अपेक्षा इस दिन गणेशजी की पूजा और आराधना का फल जल्दी प्राप्त होता है.


Web Title : WOMEN PERFORM GAUR PUJAN ON HARITABLE TEEJ, SUHAGAN WOMEN AND VIRGIN SUHAGAN WOMEN AND VIRGIN SUHAGAN AVRAT ON HUSBANDS LONGEVITY AND GROOMS WISHES, LORD GANESHA TO BE WORSHIPPED TODAY