मांगो को लेकर हड़ताल पर जा सकते बैंककर्मी

धनबाद : देश भर कर बैंक कर्मी एक बार फिर से आंदोलन के मूड में आ गये है. तीन मुद्दे पर आज देश भर के बैंक कर्मी ड्यूटी ख़त्म करने के बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन्स के आह्वाहन पर बैंकों के बाहर प्रदर्शन किया.

धनबाद के बैंक मोड़ एसबीआई बैंक मेन ब्रांच के समक्ष कर्मियों ने प्रदर्शन कर सरकार द्वारा बैंकों पर जबरन थोपे जा रहे तीन मुद्दों का जमकर विरोध के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

यूनियन के जिला संयोजक प्रभात चौधरी ने बताया कि रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर और गवर्नर बैंकों का निजीकरण करना चाहती है. यह बिलकुल ही गलत है.

सरकार एनपीए का हवाला देकर बैंकों और बैंक कर्मियों की छटनी करना चाहती है और यह प्राइवेट लोगो के इसारे पर हो रहा है. यूनियन इसका विरोध करती है. सरकार के मुताबिक एनपीए 6 लाख 95 हजार करोड़ बताया जा रहा है जबकि वास्तव में एनपीए 13 लाख करोड़ रूपए है.

उन्होंने सरकार एनपीए की रिकवरी के बजाय बैंकों और कर्मियों की छटनी पर जोर दे रही है. जिस तरह से टैक्स धारकों से वसूली के लिए सरकार कड़े कानून का सहारा लेती है उसी तरह से एनपीए के डिफॉल्टर पर भी सख्ती बरतनी चाहिए पर सरकार सरकारी बैंकों को बंद करने और कर्मियों अधिकारियो की छटनी पर जोर दे रही है.

यूनियन तीन सवालों को लेकर आगामी 10 मई से सभी बैंकों में पोस्टरिंग करेगी साथ ही 26 मई को पुनः समस्त बैंकों के बाहर प्रदर्शन करेगी. इसके बाद भी सरकार का सकारात्मक पहल सामने नहीं आने पर 23 मई के बाद आर पार की लड़ाई के साथ कर्मी हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.

Web Title : BANKERS CAN GO ON STRIKE FOR DEMANDS