बच्चे ने पिता की डांट से बचने के लिए खुद रची अपने अपहरण की कहानी

झरिया : पिता की डांट से बचने के लिए 13 वर्षीय गोविंद ने खुद रची अपने अपहरण की कहानी रची.  सुदामडीह रीवर साइड निवासी मनोज विश्वकर्मा पुत्र गोविंद आज सुबह लौट आया.

शुक्रवार की रात उसके अचानक घर से लापता होने से परेशान परिजनों ने पुलिस से मदद मांगी.

अचानक वह आज सुबह लौट आया और अपने अपहरण की घटना बताई, जिससे सुदामडीह पुलिस की भी नींद उड़ गई.

उसके बयान पर थाना प्रभारी उमेश प्रसाद को शक हुआ. तब गहनता से पूछताछ हुई तो गोविंद टूट गया और उसने बताया कि वह पिता की डांट से परेशान होकर वह घर से गोमो भाग गया था.

 

क्या है घटना

पिता मनोज का कहना है कि बेटा गोविंद शुक्रवार की शाम घर से खेलने निकला था. रात आठ बजे तक नहीं लौटा तो घर वालों के होश उड़ गये.

मां  व भाई  परेशान हो गये और पुलिस को घटना की सूचना दी. रिश्तेदारों में खोज हुई, वह नहीं मिला.

इधर सुबह गोविंद घर लौट आया. घर वालों को बताया कि जब घर आ रहा था तभी ओल्ड जीएम बंगला के पास मारुति वैन सवार पांच लोगों ने उसे रोका और एक कागज देकर उसे पढ़ने को कहा.

जब वह कागज पढ़ रहा था तभी उसे खींचकर कार में बैठा लिया और उसे कुछ सुंघा दिया, जिससे वह बेहोश हो गया.

सुबह जब आंख खुली तो देखा कि वह बोरे में बंद है. उसकी जेब में एक ब्लेड था जिसके सहारे उसने बोरा काटा और बाहर निकला.

वह किसी प्लाट में था जिसमें कूड़े के ढेर लगे थे. तभी उसे रेल के इंजन की आवाज सुनाई दी तो वह वहां से निकला पास में गोमो स्टेशन था.

वहां से वह गोमो चक्रधरपुर सवारी गाड़ी से सुदामडीह आ गया. घरवाले उसकी बात सुनकर गश खा गये.

सुदामडीह थाना प्रभारी को इस किशोर के बयान पर संदेह हो गया. क्योंकि मनोज कार चालक का काम करता है, आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है.

बच्चे को प्लाट में बोरे में बंद कर क्यों छोड़ दिया गया. बच्चा ब्लेड जेब में क्यों रखे था.

बस इन प्रश्नों के उठने पर थाना प्रभारी उमेश प्रसाद ने गहनता से पूछताछ की तो गोविंद ने सच्चाई बता दी.

कहा कि कुछ दिन पहले घर का पुराना मोबाइल ढाई सौ रुपये में बेचा था. मां ने पैसे भी ले लिये और पिता से कह दिया तो उन्होंने डांटा. पढ़ाई के लिये वे अकसर डांटते थे.

इसी कारण शुक्रवार को मां से लड़कर दो सौ रुपये लिये और घर से भाग गया. धनबाद जाकर गोमो की ट्रेन पकड़ ली. रात भर गोमो स्टेशन पर रहा.

सुबह होते ही उसे घर की याद आई और डर भी लगा. तब वह घर चल आ गया.

फिलहाल घरवाले इस बात से बेहद खुश हैं, बच्चा घर आ गया और कहीं और नहीं गया. वरना ना जाने क्या होता.

फिलहाल पुलिस ने बच्चे को परिजनों को सौंप दिया और नसीहत दी है कि खूब पढ़ाई करो.

घरवालों को भी कहा है कि बच्चों से स्नेह से पेश आयें. लड़के के लौट आने से पुलिस ने राहत की सांस ली है.

Web Title : CHILD PLANNED STORY FOR HIS KIDNAPING