धनबाद के पाण्ड्रा में मिले महाभारत से सम्बंधित प्रमाण

धनबाद : धनबाद के पाण्ड्रा में महाभारत के समय के कई प्रमाण प्राप्त हुए हैं. इन प्रमाणों पर इतिहासकार शोध कर रहे हैं. पाण्ड्रा में महाभारत काल में बने 4 एतिहासिक मंदिर हैं. तीन मंदिरों में पांच शिवलिंग स्थापित है. चौथा मंदिर मां पार्वती का है. इन मंदिरों की स्थापना का संबंध पांडवों से है.

पांडू पुत्र यहां वनवास के दौरान पहुंचे थे. उनके साथ द्रौपदी भी थीं. शाम ढलने के कारण उन्होंने रात वहीं गुजारने का निर्णय किया. पांडू पुत्र शिव पूजा के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करते थे. सुबह उठे, तो उन्होंने वहां शिव मंदिर की तलाश की. पर जंगल में एक भी शिव मंदिर नहीं मिला. ऐसे में पांचों भाइयों ने वहां तीन मंदिर बना दिए और उनमें पांच शिवलिंग स्थापित किए.

युधिष्ठिर ने जिस शिवलिंग की स्थापना की, उसे बाबा कपिलेश्वर धाम कहा गया. यह पाण्ड्रा का मुख्य शिवलिंग है. अर्जुन द्वारा स्थापित शिवलिंग बाबा वाणेश्वर शिवलिंग कहलाया. भीम द्वारा स्थापित शिवलिंग को बाबा भुवनेश्वर शिवलिंग के नाम से जाना जाता है.

नकुल और सहदेव ने जिन शिवलिंगों को स्थापित किया, उन्हें क्रमश: तारकेश्वर और माणेश्वर शिवलिंग के नाम से जाना जाता है. द्रौपदी ने यहां मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित कर उनकी उपासना की थी. पांडवों ने यहां एक रात और एक दिन गुजारा था. ऐसा माना जाता है कि यहां पांडव अपने वनवास के आखिरी यानी 12वें साल में आए थे. ऐसा इसलिए कि यहां से उनके विराट जाने से संबंधित कुछ प्रमाण मिले हैं. विराट में ही उन्होंने अज्ञातवास काटा था.

Web Title : MAHABHARAT EVIDENCE FOUND IN PANDRA DHANBAD