धनबाद में शहरी भेड़ियों का आतंक

अगर आप धनबाद में रहते है तो धनबाद की सड़को पर निकलते समय आपको बहुत सावधानी की आवयश्कता है क्योकिं धनबाद की सडको पर घूमने वाला एक वफादार जानवर बन गया है शहरी भेड़िया. जी हाँ हम बात कर रहे है सड़को पर घूमने वाले आवारा कुत्तो की. ये कुत्ते आये दिन लोगो को अपना शिकार बना रहे है जरा सी चूक आपको आर्थिक और शारीरिक कस्ट देगी.
 
धनबाद के कई अस्पतालों में कुत्तो के शिकार बने लोगरेबीज का इंजेक्शन लेने पहुंच रहे है.और यह आकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. ये आवारा कुत्ते खास कर बच्चो को अपना निशाना बनाते है.रात के समय बाइक चला रहे लोगो पर यह कुत्ते झपट जाते है.वही इस  मामले पर नगर निगम खुस खास पहल नहीं कर रहा है.
 
धनबाद नगर निगम के पूर्व नगर आयुक्त रमेश घोलप अपने कार्यकाल के समय बताया था की सड़को पर घूमने वाले इन आवारा कुत्तो को जंगलो में ले जाकर छोड़ दिया जायेगा लेकिन धनबाद से तबादला होने के बाद यह पहल अधूरी ही रह गई.
 
 वही जानवरो के लिए काम करने वाली संस्था और कुछ लोग इस मामले में सार्थक पहल कर रहे है. हियर माई वाइस संस्था धनबाद में घूम घूम कर वैसे आवारा कुत्तो को वेक्सीन देने का काम कर रही है जो आये दिन लोगो और बच्चो को काट लेते है. यह संस्था पिछले चार सालो से इन कुत्तो के लिए काम कर रही है.धनबाद में पिछले कई दिनों में लोगो को कुत्तो ने काट लिया था. धनबाद में कुछ लोगो की  रेबीज के कारन मौत भी हो चुकी है
 
संस्था के इस सरहानीय प्रयास में धनबाद पसुपालन विभाग के लोग भी साथ है.वही संस्था के लोगो  का कहना है यह इंजेक्सन देने से अगर कोई कुत्ता लोगो को काटता भी है तो उक्त इन्शान को रेबीज नहीं होगा.
 
जो कुत्तो को इंजेक्सन दिया जा रहा है उनपर  इंजेक्सन का एक मार्क्स भी लगा दिया जा ताकि यह पता लग सके की उक्त कुत्ते को इंजेक्शन दिया गया है. वही हियर माय वॉइस के सदस्य हाल में ही नगर निगम के अधिकारीयों से मिल कर इस मामले पर पहल करने की अपील भी की थी और निगम की तरफ से आश्वाशन भी मिला था.
 
स्काई लार्क होटल के जीएम अनुतोष बागची भी कुत्तो के किये  बढ़ चढ़ कर काम करते है.उन्होंने बताया की उन्हें बचपन से ही कुत्तो से लगाव रहा है. कुत्तो के विषय में बात करते समय अनुतोष बागची ने बताया की तीन कारणों से कुत्ते लोगो को काटते है.
 
अगर खाना खाते समय लोग कुत्तो को परेशां करते है तो उस समय कुत्ते उग्र हो जाते है.प्रजनन के समय भी कुत्ते उग्र रहते है खास कर मेल कुत्ते काफी उग्र होकर लोगो को काट खाते है. जुलाई अगस्त सितम्बर में कुत्तो के काटने की संख्या लगातार बढ़ती है ये समय कुत्तो के प्रजनन का समय रहता है
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कुत्ते दो कारणों से खास कर बच्चो को काट खाते है पहला उन्ही हाइट की वजह से और दूसरा बच्चो के द्वारा पत्थर मारने की वजह से. अनुतोष बागची भी कुत्ते के प्रजनन को रोकने के लिए हरेक मोहल्ले में जाकर कुत्तो को सहेली गोली खिलाते है.यह गोली सरकारी गोली होती है. यह गोली खिलाने के लिए अनुतोष बागची के साथ पांच ग्रुप भी जुड़े हुए है.
 

 

Web Title : TERROR OF URBAN WOLF IN DHANBAD