29 अप्रैल से भैरव महोत्सव का आगाज, हिमेश की गायकी और सुनील की कॉमेडी मचाएगी धमाल

चन्दनक्यारी : झारखण्ड का नाम आते ही धार्मिक मान्यताओं की कहानियां मन में तैरने लगती हैं, लेकिन प्रदेश में अब भी ऐसे कई मंदिर हैं जो देश दुनिया की नजरों से दूर है.

ऐसा ही एक पावन स्थल है भैरव बाबा का प्राचीन मंदिर जो बोकारो जिला के चन्दनक्यारी प्रखंड के भुजुडीह गांव में है. ब्लॉक मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर.

इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 29-30 अप्रैल 2017 तक भैरव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.

इस मेले के सम्बन्ध में झारखंड सरकार के पर्यटन, कला- संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग के माननीय मंत्री श्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि भैरव महोत्सव झारखंड में दूसरी बार कला संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है.

महोत्सव का मुख्य उद्देश्य झारखंड के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों  को आम लोगो तक पहुंचाना है. साथ ही महोत्सव में कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है.

भैरव स्थान में हर दिन स्थानीय लोग सैकड़ो की संख्या में पूजा करने आते है. करीब 800 साल पुर्व बने इस मंदिर की मुर्तियां 12 वी शताब्दी के समय की है, साथ ही यहां भैरव बाबा के अलावा दुर्गा मां की भी प्रतिमा स्थापित है.

वैसे तो यहां हर दिन पूजा होती है लेकिन शिवरात्रि और फाल्गुन महीने में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भैरव मंदिर में प्रसाद के रुप में नारियल चढ़ाया जाता है. कहते हैं कि इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती है उसे भैरव बाबा जरुर पूरा करते है.

भैरव स्थान न सिर्फ अपने प्राचीन मंदिर के कारण प्रसिद्ध है बल्कि यहां एक चमत्कारी तालाब  भी है, जिसके पानी से स्नान करने पर कई बिमारियां दूर हो जाती है.

मान्यता है कि चन्दनक्यारी के आस पास के क्षेत्र में जो भी बच्चे का जन्म होता है, उसे इस तालाब के अमृत जल से नहलाया जाता है. कहते है कि ऐसा करने से बच्चे को कोई बिमारी नही होती है.

तालाब के अंदर दो पत्थर के चाक लगे है, जिसके बारे में कहा जाता है कि सदियों पहले यहां रहने वाले लोगो ने इस तालाब के पानी को दामोदर नदी तक पहुंचाने के लिए लगाया था. आज भी यह चाक तालाब में देखे जा सकते है.

झारखण्ड पर्यटन विभाग  भैरव स्थान को विकसित करने के लिए कई योजनाएं बना रहा है. साथ ही कला संस्कृति विभाग की तरफ से 29-30 अप्रैल तक भैरव महोत्सव का आयोजन कर रही है. ताकि झारखण्ड के लोगो के साथ साथ देश भर के लोग न केवल इस मंदिर की महिमा को जानें बल्कि यह आकर साक्षात बाबा भैरव के दर्शन भी करें.

भैरव महोत्सव को यादगार बनाने के लिए  विकास मेला का आयोजन होगा जिसमे झारखण्ड सहित अन्य राज्यों की कलाकृति एवं खानपान संबंधी स्टॉल लगेंगे.

प्रतिदिन शाम छह बजे तक स्थानीय लोक कलाओं का प्रदर्शन एवं इसके उपरांत प्रख्यात कलाकारों द्वारा कार्यक्रम पेश किये जाएंगे. जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन  मंत्री झारखण्ड सरकार   अमर कुमार बाउरी के द्वारा किया जाएगा.

कार्यक्रम के दौरान   सांसद धनबाद   पी.एन.सिंह,  सांसद गिरिडीह   रविन्द्र कुमार पाण्डेय,   विधायक बोकारो   बिरंची नारायण,  विधायक डुमरी   जगरनाथ महतो,   विधायक बेरमो   योगेश्वर महतो, विधायक गोमिया  योगेन्द्र प्रसाद,  अध्यक्षा जिला परिषद   सुषमा देवी, उपाध्यक्ष जिला बीस सूत्री  लक्ष्मण नायक इत्यादि की शामिल होगे.

29 अप्रैल को सुप्रसिद्ध पाशर्व गायक   उदित नारायण एवं   राकेश मैनी अपनी प्रस्तुति देंगे. वहीं प्रस्तुता के रूप में प्रियंका रॉय  मौजुद रहेंगी. 30 अप्रैल को सुप्रसिद्ध गायक, संगीतकार एवं कलाकार  हिमेश रेशमिया अपनी प्रस्तुति देंगे, वहीं हास्य कलाकार सुनील पाल  भी दर्शकों को गुदगुदायेंगे.

Web Title : THE BEGINNING OF MAHAKUMBH BHAIRAV FESTIVAL OF BELIEFS FROM 29TH APRIL