वैज्ञानिक सोच विकसित करना आज विद्यालयों का दायित्व : अतुल भाई कोठारी

धनबाद : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के तत्वावधान में राजकमल में आयोजित दो दिवसीय व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण विषयक आचार्य कार्यशाला के दूसरे दिन न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने कहा कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना आज विद्यालयों के दायित्व हैं.

 विशेष ज्ञान से ही आनन्द की प्राप्ति होती है. भौतिक सुख सुविधाओं से खुशी मिलती है किन्तु आनन्द आध्यात्म की पराकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि आत्मा का स्वभाव सुख देना है. हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे खुशी मिले.

उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों से भी अनुभव सुने. एनओआईएस की आशा परियोजना के निदेशक आलोक कुमार मिश्रा ने बताया कि कई ऐसी कहानियां समाज में आज भी प्रचलित हैं जो प्रयोग पर खरे नहीं उतरते. विश्वव्यापी माने जाने वाला न्यूटन का नियम आज कोरा प्रतीत हो रहा है.

कार्यशाला के दूसरे दिन की विशेषता यह रही कि कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों से अनुभव कथन लिये गये. छोटी छोटी आदतें छोटी नहीं रह जातीं. इसलिए शिक्षकों को भी सजग रह कर पठन-पाठन करना चाहिए.

Web Title : TODAY THE RESPONSIBILITY OF SCHOOLS TO DEVELOP SCIENTIFIC THINKING