झरिया में पूजा के नाम पर आस्था का अपमान

झरिया : जंहा 17 सितम्बर को पूरे देश में सृष्टी के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से की जा रही थी. वंही धनबाद के झरिया के लोदना ओपी क्षेत्र के साउथ तीसरा में आस्था के नाम पर खुलेआम दिन के उजाले में ऐसी अश्लीलता परोसी गयी की शर्म को भी शर्म आ जाए.

बात अगर खासकर साउथ तीसरा की करे तो यंहा बिना अश्लीलता के ठुमके के बिना किसी कार्यक्रम को अधुरा माना जाता है. भगवान की आड़ में अश्‍लीलता परोसने की ऐसी ही घटना प्रशासन की मौजूदगी में पहले भी कई बार हो चुकी.

 

धार्मिक आयोजन में फूहड़ गानों पर लगे ठुमके

धार्मिक स्‍थलों पर या धार्मिक आयोजनों में आपने भक्ति गीत गाते लोगों को जरूर सुना होगा. पर धार्मिक स्‍थलों पर मर्यादाओं और आस्‍था को लांघते हुए बार बालाओं का अश्‍लील डांस और फूहड़ गीत के बोल, संभव है बहुत लोगों ने ऐसा कभी देखा-सुना ही नही होगा.

लेकीन झरिया के साउथ तीसरा में धार्मिक आस्‍था का केंद्र देखते देखते अश्‍लीलता के केंद्र में तब्‍दील हो गया. विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर पूजा समिति ने मनोरंजन के लिए बार बालाओ का प्रबंध किया था.

जो दिने के उजाले में ही भोजपुरी और हिंदी गानों के बोल पर अश्लीलता का ऐसा रंग जमाया की लोग भी भक्ति और पवित्रता को भूल कर उसी रंग में रंग गए.जैसे जैसे समय बीतता गया बालाओ के बदन से कपडे और मर्यादा भी कम होती गयी.

और देखते ही देखते धार्मिक आयोजन पूरी तरह एक अश्लील आयोजन में तब्दील हो गया

 

पुलिस के सामने चलता रहा बार बालाओं अर्धनग्न डांस

विश्वकर्मा पूजा का आयोजन जो एक अश्लील आयोजन में बदल चूका था ऐसा नहीं था की इस बात की खबर पुलिस को नहीं थी. आयोजन में लोदना ओपी के सुरक्षा बल वैसे तो सुरक्षा के लिए तैनात थे लेकिन आँखों के सामने चल रहे इस अर्धनग्न नृत्य वाले अश्लील आयोजन का वो भी लुत्फ़ उठाते रहे.

वैसे तो पुलिस वालों का काम ऐसे अश्लील आयोजनों पर रोक लगाना है. लेकिन बार बालाओ के ठुमको ने उनपर ऐसा जादू चलाया की आयोजन रोकने के बजाय वो कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाने के लिए दर्शको पर ही लाठी बरसाने में लगे रहे

 

प्रशासन को नहीं देनी चाहिए ऐसे आयोजन की अनुमति

ऐसे आयोजन के लिए पूजा समिति के अलावा प्रशासन भी उतनी ही जिम्मेवार होती है. क्योंकि इस तरह के सभी कार्यक्रम प्रशासन और पुलिस की अनुमति के बाद ही सम्भव होते हैं.

लेकिन जिले के यह जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को परमीशन देने के बाद शायद भूल जाते हैं कि ऐसे आयोजन समाज के हित में है भी या नहीं

 

Web Title : NAME OF WORSHIP FAITH INSULT IN JHARIA