कोयलांचल में आस्था के साथ मनाया गया वट सावित्री पूजा

धनबाद : अपने सुहाग की लम्बी उम्र की कामना के लिए किया जाने वाला वट सावित्री पूजा गुरूवार को पुरे कोयलांचल में पुरे आस्था के साथ मनाया गया.

धनबाद के विभिन्न हिस्सों में सुहागिनों ने वट वृक्ष पास नियमानुसार पूजा अर्चना की और अपने सुहाग की लम्बी आयु के साथ परिवार की सुख समृधि की कामना की.

माना जाता है की इसी दिन मां सावित्री ने यमराज के फंदे से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी. और इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद यमदेव से मिलता है.

क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा

पौराणिक कथाओ के अनुसार जब सावित्री पति के प्राण को यमराज के फंदे से छुड़ाने के लिए यमराज के पीछे जा रही थी उस समय वट वृक्ष ने सत्यवान के शव की देख-रेख की थी.

पति के प्राण लेकर वापस लौटने पर सावित्री ने वट वृक्ष का आभार व्यक्त करने के लिए उसकी परिक्रमा की थी इसलिए वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष की परिक्रमा की जाती है.

Web Title : VAT SAVITRI PUJA CELEBRATED WITH FAITH IN KOYLANCHAL