शेर की खाल के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार
By Anonymous
in City, Crime on Wednesday, August 27, 2014
बालाघाट : लांजी पुलिस ने शेर का शिकार कर उसकी खाल के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस द्वारा 35 वर्षीय लोढ़ामा निवासी तिलकचंद पिता शिवाजी आचरे, 42 वर्षीय घोटी निवासी लखनलाल पिता रामचंद्र मानकर,, 35 वर्षीय घोटी निवासी भारत पिता हरिचंद्र परसमोड़े और 58 वर्षीय घोटी निवासी विश्वेश्वर पिता चमरूलाल को गिरफ्तार किया गया है. जबकि मामले में दो आरोपी योगु और युसु मरार फरार है. लांजी पुलिस अधिकारी श्री रावत की मानें तो मुखबिर से शेर के खाल बेचने की जानकारी मुखबिर के माध्यम से मिली है. जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियांे के मार्गदर्शन में योजनाबद्व तरीके से नंदोरा से खाल के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
साथ ही इनके पास से शिकार में प्रयुक्त बिजली करंट की सामग्री बरामद की गई है. जिससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि लगभग 5 माह पूर्व आरोपियांे द्वारा बिजली के करंट से शेर का शिकार किया गया है. हालांकि जांच जारी है और फरार आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है. आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (16) 4, 49 बी, 50,51 की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है. जिले में दुर्लभ वन्यप्राणियों के शिकार के बाद पकड़ाये जाने वाले लगातार मामलो को लेकर वन्यप्राणी प्रेमियों मे खासी नाराजगी है. वन्यप्राणी प्रेमी अभय कोचर का कहना है कि जिले में वन्यप्राणियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है.
खासकर लांजी क्षेत्र के जंगल में वन्यप्राणी की सुरक्षा को कोई देखने वाला है चूंकि नक्सली क्षेत्र होने के कारण वनअधिकारी जंगलो में पहुंचते ही नहीं है. जिससे शिकारी बेखौफ होकर शिकार कर रहे है. हाल ही में आमगांव सहित बालाघाट में वन्यप्राणी की खाल के साथ आरोपियों का पकड़ाया जाना यह साबित करता है कि किस प्रकार वन्यप्राणी सुरक्षित नहीं है और सबसे ज्यादा चिंतनीय यह है कि सभी मामले पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे है जिसमें वनविभाग की कोई भूमिका नहीं है. निश्चित ही जिले में वन्यप्राणियों की सुरक्षा में लगे वनअमले पर यह एक सवालिया निशान है. बड़ी ही चिंता की बात है कि वन्यप्राणियों का लांजी क्षेत्र के जंगलो में शिकार हो रहा है और वनविभाग का स्थानीय अमला कमजोर साबित हो रहा है.