डोल ग्यारस पर निकली भगवानजी की पालकी शोभायात्रा
By Sudhir Sharma
in City, Cultural Activities-Events on Saturday, September 06, 2014
वारासिवनी : नगर मे सैकड़ो वर्षो से डोल ग्यारस पर मंदिरो के भगवान जी के विहार की परंपरा निभाई जा रही है, जिसमें भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है. नगर में 6 सितंबर की शाम विभिन्न मंदिरो से डोल में बैठकर भगवान ने नगर भ्रमण किया. भगवान के नगर भ्रमण पर जगह-जगह भगवान जी की पूजाअर्चना की गई. शाम डोल ग्यारस पर पालकी नुमा डोल में श्रीराम मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर से भगवान जी ने समूचे नगर का भ्रमण किया.
भक्तो ने धर्म के जयकारो के बीच देर शाम भगवान जी को नहर के पानी में विहार भी कराया. पश्चात विशेष आरती की गयी. भगवान का महाप्रसाद ग्रहण करने भक्तों की भीड़ रही. परंपरानुसार विहार के बाद विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल के निवास पर पालकियो को ले जाकर वैदिक पद्धति से पूजन किया गया. जहां भगवान की आरती उतारी गई. गौरतलब है कि डोल ग्यारस की पंरपरा सैकड़ो वर्षो से निभाई जा रही है. विहार के लिये जब भगवान जी निकलते है तब क्षेत्र में हरियाली और सुख शांति की कामना के साथ व्यक्तिगत मनोकामनाये भी मांगी जाती है. भक्तो का विश्वास है कि आज के दिन मांगी गई मनोकामनायें अवश्य पूरी होती है.
खासकर ग्यारस की शोभायात्रा मे श्रीराम भक्त महिला मंडल ने भी अपनी सक्रियता दिखाई. शोभायात्रा के साथ-साथ चलकर महिला मंडल ने मधुर स्वर मे संगीत के साथ भजनो को गाकर पूरे नगर को धर्ममय बना दिया. डोल ग्यारस पर मंदिरो के भगवान जी की साज सज्जा भी अद्भूत रहती है. भगवान जी को सुंदर वस्त्रो के साथ आभूषणो से सजाया जाता है. वही तरह-तरह के पकवानो का भोग भी लगाकर प्रभु के दरबार में हाजिरी लगाई जाती है. भगवान की पालकी को कंधे में उठाने के लिए भी भक्तगणों में होड़ रही.
श्रीराम मंदिर व्यवस्था समिति के पदाधिकारी राजेन्द्र कोहाड़ ने कह कि उनके होश संभालने के बाद से वे इस परंपरा को देख रहे है. उनका मानना है कि हिन्दु धर्म मे किसी भी सफलता के पीछे धर्म की ताकत का महत्व सीधे तौर पर जुडा रहता है और जब भगवान जी के साथ प्रत्यक्ष मे नगर भ्रमण करने का अवसर मिलता है तो पुरा मन प्रभुमय हो जाता है. डोल ग्यारस पर निकली भगवानजी की पालकी के साथ भक्तो में राजेन्द्र कोहाड, जय प्रकाश अग्रवाल, प्रकाश खंडेलवाल, राजेन्द्र अले, लक्ष्मीकांत जोगी, महेश शर्मा सहित काफी संख्या में भक्तगण शामिल हुए.