क्या भारत में सच में 30 फीसदी लोग मानसिक रूप से बीमार हैं?

नई दिल्ली: भारत के 30 फीसदी लोग मानसिक रूप से बीमार हैं, यह कहना है अग्रणी मनोविज्ञानी, लाईफ कोच और वैकल्पिक चिकित्सा प्रैक्टिशनर डॉ कैलाश मंत्री का. हालांकि, उन्होंने मानसिक बीमारी के इलाज का अनूठा तरीका विकसित किया है. उनका मानना है कि वैकल्पिक इलाज की मदद से कई मानसिक बीमारियों जैसे शाइजोफ्रेनिया, चिंता, तनाव, अवसाद, बाईपोलर डिसऑर्डर, अल्जाइमर, इनसोमेनिया, दवाओं और शराब की लत, पार्किन्सन जैसी समस्याओं का इलाज संभव है.

इस तकनीक की आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉक्टर कैलाश मंत्री ने कहा, ‘‘दवाएं मानसिक बीमारी का समाधान नहीं हैं, इन्हें सिर्फ आवश्यक बुराई कहा जा सकता है. चिकित्सा विज्ञान पिछले 100 सालों में मानसिक बीमारियों के इलाज का समाधान नहीं खोज पाया है. इन बीमारियों से पीड़ित 95 फीसदी मरीज आजीवन बीमारी का शिकार बने रहते हैं. निराशा और ना उम्मीदी के कारण मानसिक मरीजों में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आज कल मानसिक बीमारियां, हर उम्र, हर लिंग और हर जीवनशैली के व्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं. ज्यादातर डॉक्टर और अस्पताल मानसिक बीमारी के इलाज के लिए मरीज को नींद की दवाएं देते हैं, जिससे मरीज की तंत्रिकाएं कमजोर हो जाती हैं. यह निश्चित रूप से उचित समाधान नहीं है.  

इसलिए, डॉक्टर कैलाश मंत्री बिना दवाओं के मानसिक बीमारियों का इलाज करते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. इलाज शुरू होने के 10 दिनों के भीतर ही इसका असर दिखने लगता है. कैलाश मंत्री ने अगले 10 सालों के अंदर एक लाख से अधिक लोगों को लाईफ कोच के रूप में प्रशिक्षित करने की योजन बनाई है. वे भारत को मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए दुनिया का सबसे बड़ा केन्द्र बनाना चाहते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक भारत में हर 100,000 की आबादी पर 2443 लोग मानसिक बीमारियों का शिकार हैं और हर 100,000 की आबादी पर आत्महत्या की दर 21. 1 है. डॉक्टर मंत्री हेल्थ केयर के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से वैकल्पिक चिकित्सा में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. डॉ कैलाश मंत्री के उपचार की तकनीकों और अनुसंधानों को कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है, इन्हें कई राष्ट्रीय मंचों पर पुरस्कृत भी किया गया है.  

Web Title : ARE 30 PER CENT OF PEOPLE IN INDIA REALLY MENTALLY ILL?

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