कोलेस्ट्रॉल अस्थामा और कब्ज जैसी बीमारी को दूर करता है सौंफ


नई दिल्ली : प्राचीन काल से सौंफ का प्रयोग जड़ी-बूटियों के रूप में किया जाता रहा है. सौंफ को पाचनशक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है. ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी बीमारियों में रामबाण की तरह काम करता है. मांसपेशियों को आराम देने के साथ ही ये गैस, सूजन और पेट में ऐंठन को कम करने में मदद करता है.

सौंफ के बीज से बने टिंचर या चाय का पीने से इरिटेटिंग बाउल सिंड्रोम, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन जैसी बीमारियां तक आसानी से ठीक हो जाती हैं. इतना ही नहीं इसे खाने से शरीर के विषैलेतत्व भी बाहर निकल जाते हैं और इससे शरीर शुद्ध होता है.

ये मानसिक ही नहीं शारीरिक दिक्कतों के लिए भी कारगर है. पेट को ठंडक प्रदान करने में भी ये बहुत कारगर है.  खाना खाने के बाद हर दिन यदि 30 ग्राम सौंफ खाया जाए तो इससे कोलेस्ट्राल की समस्या दूर होती हैं.

आंखों की रोशनी अगर कम हो रही तो आपको रोज कम से कम तीस ग्राम सौंफ जरूर खाना चाहिए. इससे आंखें ही नहीं लिवर से जुड़ी समस्या भी दूर होगी.  पेट में दर्द हो या अपच के कारण उल्टी आ रही हो तो सौंफ का काढ़ा पीएं.

कफ को दूर करने के लिए भी सौंफ का काढ़ा पीना चाहिए. अस्थमा और खांसी  में सौंफ खाना और उसका काढ़ा पीना बहुत फायदेमंद होता है. गुड़ के साथ सौंफ खाने से किसी भी तरह का पेट दर्द खत्म हो सकता है. पीरियड्स में होने वाले दर्द में ये बहुत काम आता है.

शिशु यदि पेट में गैस हो या दर्द हो तो उसे सौंफ का काढ़ा एक से दो चम्मच दें. छह महीने के बाद ही यह शिशु को देना चाहिए, उससे पहले नहीं.  शिशुओं को होने वाली बीमारी कॉलिक में भी सौंफ कर रस देना चाहिए. शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए.
 
पाचन से जुड़ी समस्या हो, कब्ज हो या वेट कम करना हो तो खाने के बाद सौंफ रोज सुबह शाम जरूर खाएं. कोशिश करें कि सौंफ को यूं ही खाएं, इसके साथ चीनी या मिस्री को न मिलाएं. इन चीजों को मिलाने से केवल जायका बनेगा स्वास्थ्य लाभ नहीं होगा.
Web Title : CHOLESTEROL RELIEVES ILLNESS LIKE ASMA AND CONSTIPATION FENNEL

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