वैज्ञानिकों ने बनाया हर्बल सेनिटरी पैड, नहीं बनेगा पर्यावरण पर बोझ

नई दिल्ली: दूषित होते पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार बायो मेडिकल वेस्ट है. जिसका निस्तारण न कर पाना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है. इसमें भी सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे विश्व में प्रदूषण बढ़ने के मामले में सेनेटरी पैड का बेहद अहम रोल है. ऐसा इसलिए कि एक बार प्रयोग के बाद यह सालों ज्यों का त्यों पड़ा रहता है और आसानी से डिस्पोज नहीं होता. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सेनेटरी पैड विकसित करने का दावा किया है जो हर्बल है. दावा किया जा रहा है कि इस्तेमाल के बाद इसे आसानी से डिस्पोज किया जा सकता है. यह पर्यावरण पर बोझ नहीं बनेगा.

आंकड़ों के अनुसार देश में हर साल 1,13,000 सैनिटरी पैड कचरे में तब्दील होकर पर्यावरण पर बोझ बन रहे हैं. जो कि पहले से ही दूषित हो रहे पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक है. सेनिटरी पैड के बोझ से पर्यावरण को बचाने वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. जिसके लिए हर्बल सेनिटरी पैड विकसित किया गया. हर्बल सेनेटरी पैड फ्लोरिश 3 महीने से 5 महीने के अंदर फर्टिलाइजर में तब्दील हो जाएगा, जबकि पॉलीमर से बने हुए सेनेटरी पैड सालों तक ऐसे ही पड़े रहते हैं. फ्लोरिश न्यूजीलैंड में प्रयोग किया जाने लगा है. इस हर्बल सेनेटरी पैड कीमत भी बाजार में उपलब्ध पेट के आसपास ही होगी.  

´फ्लोरिश´ को बनाने में वैज्ञानिकों ने बैंबू फैब्रिक, केला, नीम और बैंबू कॉटन, ग्राफीन नैनो मैटेरियल का प्रयोग किया है. इन चीजों का प्रयोग करने से यह सेनेटरी पैड एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल होगा और सबसे बड़ी बात तो यह है कि अगर इसको प्रयोग करने के बाद महिलाएं इसे बाहर खुले में फेंक भी देती हैं तो यह आसानी से डिस्पोज हो जाएगा.

डॉक्टरों के मुताबिक यदि हर्बल इको फ्रेंडली सेनेटरी पैड को महिलाएं प्रयोग में लाती हैं तो इससे स्किन से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाएगा क्योंकि अधिकतर मामलों में पॉलीमर से बने हुए सेनेटरी पैड से स्किन पर रैशेज आ जाते है. जिससे स्किन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है.  

दूसरी तरफ, हर्बल सैनेट्री पैड इस्तेमाल करने का फायदा यह भी है कि अगर आप इसे प्रयोग में लाने के बाद खुले में फेंक भी देते हैं तो यह जैसे-जैसे डिस्पोज होगा उस दिशा में यह पर्यावरण को दूषित नहीं कर पाएगा, जिससे सेनेटरी पैड के जरिए पर्यावरण पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ कम होता चला जाएगा.

Web Title : SCIENTISTS CREATE HERBAL SANITARY PADS, WILL NOT BECOME ENVIRONMENTAL BURDENS

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