हिंदू धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है. इस धर्म में अनेक देवी देवताओं की पूजा होती है और सभी देवता प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति से जुड़े होते हैं. ये धर्म वास्तव में प्रकृति के विभिन्न रूपों की पूजा करने की शिक्षा देता है जो अन्य किसी धर्म में नहीं है. इसलिए हम सनातन धर्म को विज्ञान पर आधारित धर्म कहते हैं. इसलिए आज हम आपको बताते हैं वो 5 कारण जिनसे पता चलता है कि हमारी परंपराएं व हमारा धर्म पूरी तरह विज्ञान पर आधारित है. . .
1. घी के दिए जलाना
दीए जलाने से केवल घर ही नहीं जीवन में भी प्रकाश होता है, क्योंकि इन्हें जलाने से सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. घी का दिया कार्बोनडाईऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को खत्म करता है. साथ ही, तेल के दिए से हानिकारण कीटाणु भी समाप्त हो जाते है. यही कारण है कि दीपावली का त्योहार बारिश के मौसम के बाद मनाया जाता है.
2. शंख बजाना
शंख सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है. शंख बजाने से जो ध्वनी निकलती है उससे सभी हानिकारक जीवाणु खत्म हो जाते हैं. शंख मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को भी दूर रखता है. साथ ही, यह कान से जुड़े रोगों से बचाता है. शंख बजाने से सांस के रोग भी खत्म हो जाते हैं.
3. तुलसी पूजन
सनातन धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना जाता है जिसका अपना वैज्ञानिक कारण है. तुलसी अपने आप में एक उत्तम औषधि है जो कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाती है. खांसी, जुकाम और बुखार में तुलसी एक अचूक रामबाण है. तुलसी लगाने से कई हानिकारक जीवाणु और मच्छर आदि दूर रहते हैं.
4. तिलक लगाना
भौहों के बीच में एक नर्व पॉइंट होता है. जिस कारण यहां पर तिलक लगाने से अध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है. इससे किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढती है. साथ ही, यह दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित रखता है
5. पीपल की पूजा
वैज्ञानिक प्रयोगों सिद्ध हो चूका है कि पूरी पृथ्वी पर एकमात्र पीपल का पेड़ ही 24 घंटे ऑक्सीजन देता है. जिस कारण से पीपल का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसलिए आज भी पीपल को सींच कर उसकी परिक्रमा की जाती है. पीपल के पत्ते दिल से जुड़े रोगों में औषधि की तरह उपयोग में लाए जाते हैं.