वास्तु के अनुसार बनवाएं जलाशय,मिलेगी समृधि

आपके घर में लिविंग रूम, बेडरूम, बॉलकनी और डाइनिंग रूम की तरह ही भवन में जलस्रोत का भी विशेष महत्व होता है. जल संग्रह के लिए ओवरहेड वॉटर टैंक अथवा अंडर वॉटर टैंक का निर्माण किया जाता है. वॉटर टैंक का निर्माण भी वास्तु के अनुरूप करना समृद्धि की अनिवार्य शर्त है.

- जल स्रोत के लिए चाहे आप बोरवेल करवाएं लेकिन उसकी उचित दिशा उत्तर-पूर्व है.

- उत्तर-पूर्व में जलाशय का निर्माण करने से गृह-स्वामियों को समृद्धि मिलती है.

- उत्तर-पूर्व में भूमिगत जलाशय का निर्माण वैज्ञानिक आधार से भी उचित है क्योंकि सूर्य की किरणें जलाशय में उत्पन्ना होने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं को समाप्त कर देती हैं.

- घर के दक्षिणी भाग में भूमिगत जलाशय होना घर की स्त्रियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. वहीं पश्चिमी भाग में होने से परिवार के पुरुष सदस्यों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

- दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम में भूमिगत जलाशय का निर्माण करने से महिलाओं को स्वास्थ्य, मान-सम्मान या अन्य किसी प्रकार की हानि हो सकती है.

- भूखंड के एकदम मध्य में जलाशय निर्माण नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे भवन की संरचना करना दुष्कर होता है.

- संध्या समय जलाशय की खुदाई नहीं करनी चाहिए.

- जलाशय निर्माण के लिए भूमि की खुदाई प्रात:काल में करना चाहिए.

- जलाशय का निर्माण करने से पहले भूमि पूजन अवश्य करें.

Web Title : MAKE WATER TANK ON THE BASIS OF VASTU SHASTRA TO ACHIEVE SUCESS