सोरेन परिवार को लगा एक और झटका, CBI करेगी जांच; किस मामले में फंसे शिबू सोरेन

झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के खिलाफ सीबीआई आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी. लोकपाल इंडिया की तीन सदस्यीय कमेटी में शामिल जस्टिस अभिलाषा कुमारी, अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किया. लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की धाराओं के तहत सीबीआई को छह माह में जांच पूरी करने का आदेश दिया गया है. लोकपाल ने आदेश जारी किया है कि प्रत्येक माह की प्रोग्रेस रिपोर्ट सीबीआई देगी, वहीं 30 अप्रैल तक पहली रिपोर्ट जमा करनी होगी.  

सीबीआई को पीई में आए तथ्यों के आधार पर आगे कार्रवाई का आदेश दिया गया है. सीबीआई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर सकती है. लोकपाल ने आदेश दिया है कि पांच अगस्त 2020 की डेडलाइन से सात साल पहले अर्जित संपत्ति की जांच धारा 53 के प्रावधानों के तहत नहीं की जा सकती, लेकिन शिकायतकर्ता प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की जांच के क्रम में अपनी बात सीबीआई के समक्ष रख सकते हैं.

दो संपत्तियां जांच के दायरे में

लोकायुत ने अपने फैसले में लिखा है कि राज्यसभा सांसद ने कई संपत्तियों की खरीद सरकारी दर से भी कम पर की. वहीं अमित अग्रवाल के जरिए शेल कंपनियों में भारी निवेश किया गया. बोकारो के एक होटल व एक स्कूल का विवरण भी चुनावी हलफनामा में नहीं दिया गया. जेएमएम के द्वारा साल 2014 में ली गई दो संपत्तियां भी जांच के दायरे में हैं.

क्या था मामला

5 अगस्त 2020 को सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत की थी कि राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन व उनके परिवारजनों ने भ्रष्टाचार के जरिए घोषित आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. यह संपत्ति रांची, धनबाद, दुमका में अर्जित की गई. शिकायत में 57 संपत्तियों का जिक्र था. तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अमित अग्रवाल के जरिए कई कंपनियों में बड़ा निवेश किया है.

सीएनटी का उल्लंघन कर राज्यसभा सांसद व उनके परिजनों पर कई जिलों में संपत्ति लेने का आरोप भी लोकायुक्त को किया गया था. साथ ही सोहराय भवन में करोड़ों खर्च कर महज 8. 38 लाख में निर्माण दर्शाने समेत कई संपत्तियों के विषय में गलत जानकारी देने का आरोप शिकायत में लगाया गया था.

कब-क्या हुआ

15 सितंबर 2020-  पहली बार लोकपाल की फुल बेंच में हुई सुनवाई, सीबीआई को पीई दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया.
6 जनवरी 2021- सीबीआई ने पीई की पहली रिपोर्ट दी. वहीं दूसरी डिटेल रिपोर्ट 1 जुलाई 2021 को दी. इसके बाद राज्यसभा सांसद व उनके परिजनों से सीबीआई ने प्रतिक्रिया मांगी थी.
29 जून 2022- सीबीआई ने अंतिम रिपोर्ट दी थी.
12 सितंबर 2022- दिल्ली हाईकोर्ट में लोकपाल की कार्रवाई पर रोक को याचिका. 22 जनवरी 2024 को लोकपाल की कार्रवाई से रोक हटाई.
22 फरवरी 2024- लोकपाल ने सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व रख लिया था.

Web Title : ANOTHER BLOW TO SOREN FAMILY, CBI TO INVESTIGATE; IN WHICH CASE SHIBU SOREN IS IMPLICATED?

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