बोकारो इस्पात प्रबंधन ने गुरुवार को बीजीएच के समीप बीएसएल की जमीन पर अवैध रूप से बसी झोपड़पट्टी को ध्वस्त कर दिया. प्रथम चरण में करीब 15 मकानों को जेसीबी से ध्वस्त किया गया. सुबह करीब 11 बजे बीएसएल के जीएम लैंड एंड एस्टेट एके सिंह, हाउस अलॉटमेंट विभाग के जीएम अलोक चावला, राजेश शर्मा और एस्टेट कोर्ट के अधिकारी पीके सिन्हा के साथ पुलिस पदाधिकारी जेसीबी के साथ उक्त स्थल पर पहुंचे.
अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों को देखते ही उक्त इलाके में हड़कंप मच गया. लेकिन, अधिकारियों ने धैर्य का परिचय देते हुए पहले अवैध रूप से बने मकानों में रहने वाले लोगों से अपना-अपना आवास खाली करने को कहा. इसके लिए अधिकारियों ने लोगों को पर्याप्त समय भी दिया. ताकि गरीबों के सामान को कोई नुकसान न हो सके. जिसके बाद अधिकारियों की चेतावनी सुनकर लोगों ने अपने-अपने घरों के सामान को निकालना शुरू किया.
इस दौरान महिलाएं और बच्चे अपना मकान टूटता देख भावुक होकर रोने लगे. जिसे देखते हुए बीएसएल के अधिकारियों ने कहा कि पाइपलाइन और बिजली के तार बिछाने के लिए फिलहाल 20 मीटर की जमीन तत्काल खाली कर दें. अधिकारियों की चेतावनी सुनकर उक्त स्थल में रहने वाले सभी लोग अपने-अपने घरों से निकल गए. जिसके बाद जेसीबी से एक-एक कर घरों को तोड़ दिया गया. इस दौरान मलबा काफी अधिक जमा होने के कारण कार्य पूरा नहीं हो पाया. जिस कारण जीएम एके सिंह ने कहा कि यह अभियान अब लगातार जारी रहेगा. क्योंकि बीएसएल की जमीन पर अतिक्रमण का दायरा बढ़ गया है. जिसे खाली कराए बगैर नया कुछ भी कार्य करना संभव नहीं है.
ट्रैफिक को किया गया था बंद
बीएसएल के अतिक्रमण के खिलाफ चलाए गए अभियान को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टीकोण से सेक्टर 9 जानेवाली सड़क को कुछ देर के लिए ब्लॉक किया गया था. ताकि किसी प्रकार की अनहोनी होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. मालूम हो कि 29 सितंबर को बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों ने उक्त स्थल पर एक दारू भट्टी निर्माण को तोड़ने गई थी. लेकिन कुछ युवाओं ने बीएसएल के अधिकारी और सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया था. देखते ही देखते भारी संख्या उक्त आवासों में रहनेवाले युवा निकल आए और पत्थरबाजी करने लगे. इस पत्थरबाजी में बीएसएल के अधिकारी समेत दो सुरक्षा जवान को चोट भी लगी थी. जिसके बाद बीएसएल प्रबंधन ने नियम के अनुसार कार्रवाई शुरू कर कच्चे और पक्के मकान को ध्वस्त कर दिया.