बरहेट : चार दिनों में ब्रेन मलेरिया के 45 मरीज मिले

बरहेट : चार दिनों में ब्रेन मलेरिया के 45 मरीज मिले
साहिबगंज. पाकुड़ जिले से सटे साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड के आठ पहाड़िया गांव इन दिनों ब्रेन मलेरिया की चपेट में आ चुका है. बीते चार दिनों के भीतर इन गांवों में ब्रेन मलेरिया के 45 पॉजिटिव मरीज मिले हैं. मरीजों का यह आंकड़ा 24 से 27 नवम्बर तक का है. इनमें से 15 मरीज अकेले सोमवार को मिले हैं. दरअसल, जिले के बरहेट प्रखंड के जुड़ी जोका, टोक जड़ी,कल्दी गोड़ा,चिहड़ पहाड़,जड़ी बेडो, गोडा फुली,मनसीबाड़ी कोटरमो व कपसबेडा बस्ती गांव में इस समय ब्रेन मलेरिया फैला है. जिले के इस क्षेत्र से लिट्टीपाड़ा का ब्रेन मलेरिया प्रभावित इलाका बिल्कुल सटा है. बरहेट के किताझोर व छुछी स्वास्थ्य उपकेंद्र से जुड़ेइन गांवों के लोग हाट-बाजार के लिए आमतौर पर लिट्टीपाड़ा क्षेत्र में ही जाते हैं. विभाग का मानना है कि इस वजह से ये लोग भी मच्छर काटने से ब्रेन मलेरिया की चपेट में आये हैं. दरअसल, पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा के पहाड़िया गांवों में ब्रेन मलेरिया फैलने से यहां भी स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बरत रहा है. इन गांवों में एमपीडब्ल्यूओ को घर-घर फीवर सर्वे का निर्देश दिया है. घर में बुखार वाला मरीज मिलने पर तुरंत ब्लड सैम्पल लेकर जांच को भेजा जा रहा है. ब्रेन मलेरिया को लेकर पहाड़िया ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्यकर्मी गांव में जागरुकता कैम्प लगा रहे हैं. रोजाना इसकी रिपोर्ट सुपरवाइजर (केटीएस) के माध्यम से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देने का निर्देश दिया गया है. ग्रामीणों को मच्छरदारी के अंदर सोने की सलाह दी जा रही है. बे्रन मलेरिया से प्रभावित गांवों में मच्छर भगाने के लिए स्प्रे कराने का भी निर्देश दिया है.

कारगर है एसीटी किट

ब्रेन मलेरिया के मरीज के लिए एसीटी किट इस समय सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है. यह तीन दवाओं के कम्बीनिशेन से बना है. तीन दिन यह दवा लेने पर मरीज स्वस्थ हो जा रहे हैं. हालांकि दिक्कत यह है कि जिला में एसीटी किट नहीं के बराबर है. राज्य मुख्यालय में भी यह किट उपलब्ध नहीं है. यह किट भारत सरकार सप्लाई करता है. अब विभाग ने इस किट को बाजार से खरीदने की योजना बनाई है.

क्या है ब्रेन मलेरिया का लक्षण:

-तेज बुखार के साथ शरीर में ऐंठन

-ठंड के साथ बुखार आना

-दिन में बुखार उजर लाने व रात में दोबारा ठंड के साथ बुखार आना

-चमकी आना

-तेज बुखार में कई बार मरीज बेहोशी में चला जाता है

कैसे फैलता है ब्रेन मलेरिया

ब्रेन मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. मच्छर से प्लॉस्मोडियम नामक पैरासाइट मनुष्य के शरीर में रक्त से प्रवेश कर इस बीमारी का कारण बनता है. बरसात के बाद गंदगी व दूषित पानी के चलते ब्रेन मलेरिया का प्रकोप बढ़ जाता है. समय पर इलाज नहीं होने पर मरीज की जान भी जा सकती है.

बचाव के तरीके

-खुले में नहीं सोएं,मच्छरदानी का प्रयोग करें

-घर के आसपास पानी और गंदगी जमा न होने दें

-साफ पानी पीएं

-मच्छरों के प्रकोप से बचें

-बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं

पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा प्रखंड से सटे अपने जिले के बरहेट प्रखंड के पहाड़िया गांवों में ब्रेन मलेरिया के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है. बीते तीन दिनों में कुछ मरीज मिले हैं. सभी का इलाज चल रहा है. प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर फीवर सर्वे व अन्य उपाय के निर्देश दिए गए.

साहिबगंज(पड़ताल). मौसम में उतार चढ़ाव होने से इनदिनों वायरल फीवर का खतरा बढ़ा है. सदर अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से लगातार सर्दी-खांसी व वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. यहां आने वाले मरीजो में आधा से ज्यादा सर्दी-खांसी, वायरल फीवर व गले में खरास जैसी बीमारी से पीड़ित होते हंै. जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के ओपीडी में रोजाना औसतन 170-180 मरीज पहंुच रहे हंै. इनमें से आधे से अधिक यानी करीब सौ मरीज सर्दी-खांसी व वायरल फीवर से पीड़ित होते हैं. इस मौसम में सामान्य दिनों के मुकाबले करीब 50 फीसदी अधिक सर्दी खांसी व वायरल फीवर के मरीज पहुच रहे हैं. इसके चलते सदर अस्पताल के ओपीडी समेत जांच घर में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. यही हाल निजी क्लिनिक का भी है. डॉक्टरों के निजी क्लिनिकों में सुबह व शाम मरीजों की भीड़ लगी रहती है. इनमें अधिकतर सर्दी-खांसी व बुखार के ही मरीज पहुच रहे हैं. डॉक्टर के अनुसार अभी बीमार होने वाले मरीजों में सबसे अधिक संख्या बच्चे व बूढ़े की है. वायरल फीवर होने पर तुरंत जांच कराएं. लापरवाही बरती गई तो सेहत के लिए घातक भी हो सकता है. ऐसे में ठंड से बचने की जरुरत है. खासकर कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. डॉक्टर ने बताया कि इस मौसम में मलेरिया व टाइफाइड का भी प्रकोप बढ़ जाता है.


Web Title : BARHET: 45 BRAIN MALARIA PATIENTS FOUND IN FOUR DAYS

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