कांग्रेस-झामुमो-राजद-माले लोकसभा चुनाव में 7-5-1-1 के फॉर्मूले पर तैयार होते दिख रहे हैं. इसका ऐलान 17 मार्च को दिल्ली में कांग्रेस की बैठक के बाद किया जा सकेगा. कांग्रेस कई सीटों पर नया चेहरा देने की तैयारी कर रही है. रांची, धनबाद, हजारीबाग में प्रत्याशी बदल सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन सीटों पर नए चेहरों को लाना चाहती है. पांच साल में उनके कामों को इसमें रखा गया है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कम या अधिक प्रभाव दिखाने वाले नेताओं को भी विमर्श के केंद्र में रखा गया है.
सुबोधकांत सहाय लगातार चार बार से रांची से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 2004 और 2009 में उन्होंने जीत हासिल की थी. वे यूपीए सरकार में केंद्र में मंत्री भी रहे. 2014 और 2019 के चुनाव में उन्हें जीत नहीं मिल सकी. उनकी दावेदारी कायम है.
भाजपा की ओर से सांसद संजय सेठ को दोबारा टिकट देने के बाद दूसरी ओर कांग्रेस स्थानीय मुद्दों और जातीय समीकरण पर गौर कर रही है. कुरमी-महतो की बहुलता को भी ध्यान में रखा जा रहा है. पूर्व मंत्री केशव महतो कमलेश, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी और शिक्षाविद डॉ. अजय चौधरी के नाम की चर्चा भी हो रही है.
हजारीबाग और चतरा सीट से भी नए प्रत्याशियों को मिल सकता है मौका
हजारीबाग और धनबाद में भी पार्टी नया चेहरा दे सकती है. धनबाद से युवा आयोग के अध्यक्ष कुमार गौरव पर पार्टी दांव खेल सकती है. वे युवा चेहरा के रूप में प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं. हजारीबाग और चतरा से भी नए प्रत्याशियों को मौका मिलता दिख रहा है. पिछले दिनों कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने रांची से स्थानीय को टिकट देने की बात कही थी.