झारखंड: कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिए दायर अमित की याचिका खारिज कर दी. साथ ही वकील राजीव कुमार पर जजों, आईएएस और जांच अधिकारियों के साथ संबंध होने के अमित अग्रवाल के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया.
जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सीबीआई को 15 दिनों के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. अमित अग्रवाल फिलहाल रांची जेल में है. ईडी ने उन्हें पीआईएल मैनेज करने के मामले में गिरफ्तार किया है.
अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार पर पीआईएल मैनेज करने के लिए एक करोड़ रुपये में डील करने का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस से शिकायत की थी. इस शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने 31 जुलाई को राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था. बताया गया कि यह 50 लाख रुपये डील वाली अग्रिम राशि थी. कोलकाता पुलिस से की गयी शिकायत में अमित अग्रवाल ने कहा था कि शेल कंपनियों और अवैध खनन मामले में उनके खिलाफ पीआईएल मैनेज करने के लिए राजीव कुमार ने उनसे 10 करोड़ मांगे थे. लेकिन, एक करोड़ में डील हुई थी. बाद में ईडी ने इस केस को टेकओवर किया और अमित अग्रवाल से पूछताछ शुरू की. इसके बाद अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इधर, इस मामले में राजीव कुमार जमानत पर हैं. अमित ने राजीव कुमार पर जजों, राज्य के आईएएस अधिकारियों और जांच एजेंसियों के बड़े अधिकारियों से सांठगांठ करने का आरोप भी लगाया था.
झारखंड हाईकोर्ट में याचिका लंबित रहने के दौरान ही अमित अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट भी गए थे. सुप्रीम कोर्ट से भी राहत देने का आग्रह किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट में याचिका लंबित रहते सुप्रीम कोर्ट इसकी सुनवाई नहीं कर सकता. शीर्ष अदालत ने अमित को हाईकोर्ट में ही अपनी बात रखने को कहा था.