झारखंड- उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली की मार, कोयले की कीमत में इजाफा, प्रति यूनिट एक से डेढ़ रुपये बढ़ सकता है बिजली बिल

झारखंड- उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली की मार, कोयले की कीमत में इजाफा, प्रति यूनिट एक से डेढ़ रुपये बढ़ सकता है  बिजली बिल

उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली की मार पड़ सकती है. कोयले की कीमत में इजाफा होने से बिजली उत्पादन की लागत भी प्रति यूनिट एक से डेढ़ रुपये बढ़ गई है. समझौते की शर्तों के मुताबिक पावर प्लांट उत्पादन में बढ़ी लागत को बिजली खरीदकर वितरण करने वाली कंपनियों से वसूलेगा. खरीद महंगी होने पर बिजली वितरण कंपनी (जेबीवीएनएल) एवं अन्य टैरिफ रेट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) को सौंप सकती है.

बीते वर्ष मई से जुलाई के बीच देश के बड़े हिस्से में बिजली का संकट गहराया था. इसका कारण रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आयातित कोयले की आपूर्ति प्रभावित होना रहा. देश में गुजरात, महाराष्ट्र में निजी क्षेत्र के कई बड़े पावर प्लांट हैं जो आयातित कोयले से उत्पादन करते हैं. इनमें उत्पादन प्रभावित हुआ. साथ ही उत्पादन के लिए देसी कोयले की मांग बढ़ी. इसके बाद अगस्त में ऊर्जा मंत्रालय ने सभी पावर प्लांट को दो से तीन फीसदी आयातित कोयले का मिश्रण करके बिजली उत्पादन का निर्देश दिया.  

जानकारों का कहना है कि देसी कोयले की कीमत 3 से 4 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर आयातित कोयले के बराबर करीब सात से आठ हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया है. कोयला महंगा होने से बिजली उत्पादन की लागत एक से डेढ़ रुपये प्रति यूनिट बढ़ गई है. बिजली वितरण कंपनी पावर प्लांट से समझौते के तहत बिजली खरीदती है. समझौते की शर्तों के मुताबिक कोयला या फ्यूल की कीमत बढ़ने पर बिजली खरीदने वाली कंपनी से वसूली की जाती है. यही कारण है कि जेबीवीएनएल को कई कंपनियों ने बिजली की बढ़ी हुई दर से अवगत करा दिया है.

जेबीवीएनएल विभिन्न पावर प्लांट से हर महीने लगभग 550 करोड़ रुपये की बिजली की खरीदारी करता है. औसतन 4. 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से यह खरीद होती है. एनटीपीसी और डीवीसी से जेबीवीएनएल करीब 900 मेगावाट बिजली खरीदता है. यह बिजली की कुल मांग की लगभग आधी है. जेबीवीएनएल का कहना है कि इन कंपनियों का उत्पादन लागत बढ़ने से बिजली खरीद में 30 फीसदी तक इजाफा होने का अनुमान है. बिजली वितरण कंपनियां को हर साल अपना लेखा-जोखा जेएसईआरसी के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बिजली की दर निर्धारण का प्रस्ताव रखना होता है. इस बार भी नवंबर में जेबीवीएनएल अपना प्रस्ताव रखेगा. जाहिर है मौजूदा स्थिति बनी रही तो बिजली दर में बढ़ोतरी की बात होगी. पिछले वर्ष भेजे गए बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर अब तक निर्णय नहीं हो पाया है. कई कंपनियों की उत्पादन लागत 4. 73 रुपये से लेकर 7. 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गया है.

Web Title : JHARKHAND: COAL PRICE HIKED, ELECTRICITY BILL LIKELY TO GO UP BY RS 1 1.5 PER UNIT

Post Tags: