इलाज के अभाव में प्रख्यात नागपुरी साहित्यकार और रंगकर्मी डॉ. गिरधारी राम गौंझू का निधन

रांची : झारखंड सहित पूरे देश के प्रख्यात नागपुरी साहित्यकार और रंगकर्मी डॉ. गिरधारी राम गौंझू का निधन हो गया है. डॉ. गिरिधारी राम गौंझू को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. सांस लेने में परेशानी और ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी मौत हो गई. हालांकि, कोरोना का टेस्ट उनका नहीं हो पाया था. इसी वजह से किसी भी अस्पताल में उनको भर्ती नहीं करवाया जा सका. कई अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद भी उनको भर्ती नहीं किया गया और ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उनकी मौत हो गई. उनकी मौत से कला संस्कृति के क्षेत्र में शोक की लहर है.

डॉ. गिरिधारी राम गौंझू सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में काफी सक्रिय रहते थे. झारखंड की कला संस्कृति के क्षेत्र में गिरधारी राम गौंझू एक ऐसा नाम थे, जिन्होंने झारखंड की कला संस्कृति को एक मुकाम दिया. किसी भी कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति जरूर होती थी. परंपरा को जीवंत रखने वाले डॉक्टर गौंझू का निधन गुरुवार को हो गया.

विद्वान को खो दिया´

राज्यपाल ने शोक जताया राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रोपदी मुर्मू गहरा दुख और शोक व्यक्त किया. साथ ही डॉ. गिरधारी के साथ अस्पताल प्रबंधन द्वारा बरती गई लापरवाही पर रोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि हमने कोरोना महामारी के बीच डॉक्टर गिरधारी जैसे विद्वान को खो दिया है. उनका निधन शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. राज्यपाल ने कोरोना से लड़ने के लिए वर्तमान में स्वास्थ विभाग की टीम के सदस्य कार्य करने को कहा कि कैसे इस महामारी से हम बेहतर तरीके सामना कर सकते हैं.

इसलिए भी जाने जाते थे डॉ. गौंझू

प्रख्यात शिक्षाविद नागपुरी साहित्यकार और संस्कृति कर्मी गिरधारी राम गौंझू रांची विश्वविद्यालय जनजातिय क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व अध्यक्ष थे. सरल और मिलनसार स्वभाव वाले डॉक्टर गौंझू का जन्म 5 दिसंबर 1949 को खूंटी के बेलवादाग गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम निर्माता का नाम भी था रांची के हरमू कॉलोनी में रहते थे. रांची विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर जनजाति क्षेत्रीय भाषा विभाग में अध्यक्ष के रूप में थे. इनकी अब तक 25 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. इसके अलावा कई नाथ के भी लिखी है.

Web Title : NOTED NAGPURI LITTERATEUR AND PAINTER DR GIRDHARI RAM GOUNZHU PASSES AWAY DUE TO LACK OF TREATMENT

Post Tags: